मुसीबत में पंजाब की पूर्व सीएम भट्ठल, कोठी खाली करने के साथ देना होगा 32 लाख
पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल को बिना मंजूरी सरकारी कोठी में रहना भारी पड़ गया है। उनको कोठी खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। उनको 32 लाख रुपये भी चुकाने होंगे।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में सरकार का चेहरा भले ही बदल गया है लेकिन नाजायज कब्जों को लेकर कांग्रेस सरकार मजबूर है। पूर्व विधायकों व अधिकारियों ने सरकारी फ्लैटों पर कब्जा कर रखा है तो पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल कोठी नंबर 8 पर काबिज रहीं। यह अब उनको भारी पड़ गया है। पीडब्ल्यूडी ने भट्ठल को कोठी खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही उनको 32 लाख रुपये भी चुकाने होंगे। विभाग ने उनसे मार्केट रेट के हिसाब से किराया वसूलने का फैसला किया है।
2.85 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से सरकार को करना होगा भुगतान
बिना किसी सरकारी मंजूरी के सेक्टर दो की 8 नंबर कोठी में 11 माह से रह रहीं भट्ठल का मामला इन दिनों सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के नोटिस के बाद भट्ठल को मार्केट रेट के हिसाब से किराया देना होगा जोकि 2.85 लाख रुपये प्रति माह बनता है।
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जानकारी के अनुसार मार्केट रेट से किराया वसूलने का नोटिस जारी होने के साथ ही भट्ठल ने एक बार फिर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कोठी में उन्हें रहने देने का आवेदन दिया है। यह अावेदन मुख्यमंत्री कार्यालय में पेंंडिंग है। सरकार की परेशानी यह है कि वह पहले ही 84 लाख रुपये भट्ठल का माफ कर चुकी है। ऐसे में अगर 33 लाख रुपये पुन: माफ करने और कोठी को अलाट करने का फैसला कैबिनेट में लाया जाता है तो सरकार की परेशानी बढ़ सकती है।
विपक्ष के निशाने पर है सरकार
प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार पहले ही विपक्ष के निशाने पर है। सरकार ने जब 84 लाख रुपये भट्ठल को वापस करने का फैसला किया था तब भी विपक्ष ने सरकार को आड़ेहाथ लिया था। यही कारण है कि भट्ठल के निवेदन पर सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले भट्ठल ने 84 लाख रुपये जमा करवाए थे जिसे कैप्टन सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर माफ कर दिया था।
विधायक भी नहीं हैं भट्ठल
सरकार की परेशानी यह भी है कि वर्तमान में भट्ठल विधायक भी नहीं हैं और कानून में पूर्व मुख्यमंत्री को कोठी देने का कोई प्रावधान भी नहीं है। राजिंदर कौर भट्ठल इस पूरे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है।
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सरकार को बनानी पड़ेगी नीति
प्रदेश सरकार को अगर पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी कोठी अलाट करना है तो उसे नीति में बदलाव करना पड़ेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह की पूर्व सरकार के दौरान भी यह मुद्दा उठा था। जानकारी के अनुसार तब कैप्टन ने पूर्व मुख्यमंत्री के लिए कोठी देने को लेकर नीति बनाने का सुझाव रखा था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इसका विरोध किया था। इसी कारण पूर्व मुख्यमंत्री को कोठी देने को लेकर नीति नहीं बनी।
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