Move to Jagran APP

Punjab University के कालेजों में ग्रांट इन एड और सेल्फ फाइनेंस कोर्स की बढ़ी फीस, सीनेट की मंजूरी के बिना हुआ फैसला

पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कालेजों की फीस में प्रति वर्ष फीस बढ़ोतरी होती है। इस बार ग्रांट इन एड संकाय की साढ़े सात जबकि सेल्फ फाइनेंस कोर्स की फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस बार हुई फीस बढ़ोत्तरी में सीनेट बाडी की मंजूरी नहीं ली गई है। 10 जून को पंजाब यूनिवर्सिटी ने मान्यता प्राप्त कालेजों को इसकी जानकारी दी।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Tue, 11 Jun 2024 12:26 PM (IST)
Punjab University के कालेजों में  ग्रांट इन एड और सेल्फ फाइनेंस कोर्स की बढ़ी फीस, सीनेट की मंजूरी के बिना हुआ फैसला
पंजाब यूनिवर्सिटी के कालेजों में ग्रांट इन एड और सेल्फ फाइनांस कोर्स बढ़ी फीस

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त 200 कालेजों में ग्रांट इन एड संकाय की साढ़े सात जबकि सेल्फ फाइनेंस कोर्स की फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

पंजाब के 190 कालेजों में 25 दिनों से चल रही और शहर के 11 कालेजों में 13 जून से शुरु होने वाली दाखिला प्रक्रिया में आखिरकार 10 जून को पीयू ने फीस बढ़ोतरी पर निर्णय लिया।

इस बार हुई फीस बढ़ोत्तरी में सीनेट बाडी की मंजूरी नहीं है। सिंडिकेट बाडी द्वारा आचार संहिता के बीच लिए गए फैसले को ही 10 जून को पंजाब यूनिवर्सिटी ने मान्यता प्राप्त कालेजों को जारी किया है।

सीनेट की मंजूरी के बिना बढ़ी फीस

उल्लेखनीय है कि पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कालेजों की फीस में प्रति वर्ष फीस बढ़ोतरी होती है। यह बढ़ोतरी सिंडिकेट और सीनेट बाडी की मंजूरी के बाद कालेजों को जारी होती है और उसी के अनुसार विद्यार्थियों से फीस वसूल होती है।

पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्ष 2023 में नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 शुरु हुई थी और उससे मान्यता प्राप्त 200 कालेजों में इस वर्ष से इसे शुरु किया जा रहा है। एनईपी 2020 शुरु होने के बाद चुनाव से चुनी जाने वाली सिंडिकेट और सीनेट बाडी का अंत हो जाएगा और उसके स्थान पर बोर्ड आफ गवर्नेंस स्थापित होगी।

लोकसभा चुनाव के कारण चांसलर बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की घोषणा नहीं कर सके हैं वहीं पीयू वीसी ने आचार संहिता के चलते उसे बुलाया नहीं है।

सिंडिकेट चुनाव का मामला कोर्ट में, शक्ति वाइस चांसलर के पास

पीयू में सिंडिकेट बाडी गठन का मामला वर्ष 2022 से पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा है। वर्ष 2020 में चांसलर ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि सिंडिकेट चुनाव में 60 वर्ष से ज्यादा के प्रोफेसर मतदान नहीं कर सकेंगे।

चांसलर के फैसले को पीयू फैकल्टी और सिंडिकेट सदस्यों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट में मामला होने के कारण सिंडिकेट बाडी की सारी शक्तियां वाइस चांसलर के पास है।

इसी प्रकार से अगस्त 2024 में सीनेट का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। चुनाव आचार संहिता में बीच सीनेट बैठक नहीं बुलाई गई और न ही इसे भविष्य में बुलाने की प्लानिंग है।

यह भी पढ़ें- Punjab Crime News: पाकिस्तानी नंबर से आई कॉल, आधे घंटे बाद घर पर हथियारबंद लोगों ने किया हमला

200 कालेजों में होती है तीन लाख विद्यार्थियों का दाखिला

पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त 200 कालेज और रीजनल इंस्टीट्यूट में प्रति वर्ष तीन लाख के करीब विद्यार्थी प्रवेश पाते है। यह दाखिला अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट में होता है। पंजाब सरकार ने स्थानीय कालेजों को निर्देश जारी किए थे कि 15 मई से दाखिला प्रक्रिया शुरु करनी है।

पंजाब उच्चतर शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार पंजाब में बिना फीस तय हुए ही दाखिला प्रक्रिया चल रही है लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन शहर में स्थापित 11 कालेजों में उसे शुरु नहीं कर रहा था।

विभागीय जानकारों के अनुसार बिना फीस के दाखिला प्रक्रिया को शुरु करना संभव नहीं था। चंडीगढ़ प्रशासन तीन और दस जून से शुरु होने वाली दाखिला प्रक्रिया को रद कर 13 जून को संभावित शैड्यूल जारी कर चुका है।

यह भी पढ़ें- Punjab Weather Update: मौसम विभाग का अगले पांच दिनों तक ऑरेंज अलर्ट, इस सप्ताह 45 डिग्री तक जा सकता तापमान