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    MSP लागू करने का खर्चा 21 हजार करोड़, किसानों की समस्या का निकलेगा समाधान? एक्सपर्ट की राय लेगी SC की कमेटी

    सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर बातचीत के लिए कृषि से जुड़े आयोगों निजी एजेंसियों और विशेषज्ञों से चर्चा करने का फैसला किया है। किसानों के बातचीत के लिए नहीं आने पर कमेटी ने यह कदम उठाया है। कमेटी ने अगले सप्ताह से उन संस्थानों को चर्चा के लिए बुलाया है जो एमएसपी निर्धारित करते हैं।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 03 Jan 2025 08:47 PM (IST)
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    एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर जारी है किसानों का आंदोलन (जागरण फोटो)

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर शंभू बॉर्डर पर धरने व खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन के बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) के नेता शुक्रवार को भी पेश नहीं हुए।

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    दो दिन पूर्व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी कमेटी के बुलाने पर नहीं गए थे। किसानों के बातचीत के लिए नहीं आने पर हाई पावर कमेटी एमएसपी की गुत्थी सुलझाने के लिए अब कृषि से जुड़े आयोगों, निजी एजेंसियों व विशेषज्ञों से बातचीत करने का सिलसिला शुरू करने जा रही है।

    कमेटी ने अगले सप्ताह यानी सात जनवरी से उन संस्थानों को चर्चा के लिए न्यौता दिया है जो न केवल एमएसपी निर्धारित करते हैं, कृषि नीतियों पर काम करते हैं और उसकी रेटिंग करते हैं। कमेटी ने सबसे पहले ‘खेती लागत एवं मूल्य आयोग’ के चेयरमैन विजयपाल शर्मा को बुलाया है जिससे कमेटी यह समझना चाहती है कि आयोग विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य किस फॉर्मूले से निर्धारित करता है।

    नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद को भी भेजा न्यौता

    वह यह भी समझना चाहती है कि यदि सभी फसलों पर एमएसपी लागू कर दी जाती है तो इसे अमल में लाने में क्या समस्याएं आ सकती हैं। इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद को भी न्यौता भेजा गया है।

    कमेटी उनसे यह समझना चाहती है कि आयोग कृषि में सुधार लाने के लिए क्या-क्या कर रहा है। बड़ी सहकारी कंपनी अमूल के एमडी के विचार जानने के लिए उन्हें भी बुलाया गया है।

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    MSP लागू करने में खर्च होंगे 21 हजार करोड़

    न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने में 21 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी, पिछले वर्ष यह रिपोर्ट देने वाली ‘क्रेडिट रेटिंग इंफार्मेशन सर्विसेज ऑफ इंडिया लिमिटेड (क्रिसिल) एजेंसी को भी बुलाया गया है।

    अपना पक्ष रखने के लिए बुलाने पर भी किसान बातचीत के लिए नहीं आए, बैठक रद होने पर हाई पावर कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि हमें निराशा अवश्य हुई है क्योंकि किसान अपनी बात रख सकते थे लेकिन हम किसानों के लिए रिफॉर्म्स करने जो सुझाव दिए जा सकते हैं, उनको तैयार करने के लिए हर वर्ग से बातचीत करेंगे।

    39वें दिन भी जारी रहा आमरण अनशन

    खनौरी में किसान महापंचायत आज किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन शुक्रवार को 39वें दिन भी जारी रहा। डल्लेवाल की इच्छा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की ओर से चार जनवरी को खनौरी में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

    दावा किया जा रहा है कि इसमें देश भर से दो लाख से ज्यादा किसान शामिल होंगे। शुक्रवार को डल्लेवाल ने भी वीडियो संदेश जारी कर किसानों से चार जनवरी को खनौरी पहुंचने की अपील की है।

    बता दें कि धरना स्थल पर ऐसी जगह नहीं है जहां दो लाख लोग इकट्ठा हो सकें। ऐसे में भीड़ पर नियंत्रण पाना प्रशासन के लिए भी चुनौती से कम नहीं है।

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