Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने पर मंथन करेंगे देशभर के डॉक्टर, मंत्री बोलीं 'महामारी का खतरा अभी टला नहीं'

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Mon, 28 Aug 2023 01:59 PM (IST)

    देश की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए बनी अस्पताल संचालकों की संस्था एकेडमी ऑफ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (एएचए) का कहना है कि अभी महामारी का खतरा टला नहीं है। देश में प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने की कार्यप्रणाली पर विचार करने की जरूरत है। इसको लेकर सास-2023 के नाम से भारत के सुरक्षित और सतत अस्पतालों पर वार्षिक कार्यशाला का आयोजन 14 से 16 दिसंबर को नई दिल्ली में होगा।

    Hero Image
    14 से 16 दिसंबर को नई के संविधान क्लब में होगा डॉक्टरों का मंथन (फाइल फोटो)

     चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में जुटी अस्पताल संचालकों की संस्था एकेडमी ऑफ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (एएचए) का मानना है कि अभी महामारी का खतरा टला नहीं है। देश में फिलहाल भी प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने की कार्यप्रणाली पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इसके लिए महामारियों से निपटने की तैयारी, उनकी पहचान और रोकथाम तथा सुरक्षित जीवन प्रणाली के लिए निरंतर स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    14 से 16 दिसंबर के बीच होगा कार्यशाला का आयोजन

    एकेडमी ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने स्वास्थ्य संबंधी भविष्य की चुनौतियों से निपटने और उन पर मिल बैठकर विचार-विमर्श करने के लिए सुरक्षित और सतत अस्पताल निर्माण (सास) पर कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया है। सास-2023 के नाम से भारत के सुरक्षित और सतत अस्पतालों पर वार्षिक कार्यशाला का आयोजन 14 से 16 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित संविधान क्लब में होगा।

    इसमें देश और दुनिया के जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञ, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि तथा चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां भागीदारी करेंगी। जी-20 देशों के समूह की एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य की अवधारण के साथ तीन दिन के इस सम्मेलन में चिकित्सा जगत की चुनौतियों से निपटने पर चर्चा होगी।

    महामारी का खतरा अभी टला नहीं

    हाल ही में हैदराबाद में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार ने वन हेल्थ ढांचे के तहत निगरानी प्रणालियों को एकीकृत और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि महामारी के खतरे को अभी टला हुआ नहीं माना जाना चाहिए। सास-2023 के सम्मेलन में केंद्र सरकार के इसी दृष्टिकोण को गंभीरता से लेते हुए भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने पर विस्तृत चर्चा करते हुए देश व समाज को उसका समाधान पेश किया जाएगा।

    गंभीर स्वास्थ्य खतरों की आशंका से नहीं कर सकते इन्कार 

    एकेडमी आफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के अध्यक्ष और नए सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों, नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेजों के संयोजक डा. यशपाल शर्मा ने कहा कि कोविड महामारी की तबाही के बावजूद भविष्य में इससे भी अधिक गंभीर स्वास्थ्य खतरों की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। इनसे बचने का एकमात्र तरीका यही है कि हम इन अप्रत्याशित चुनौतियों के सामने संवर्धनशील स्वास्थ्य ढांचा तैयार करते हुए आत्मसंरक्षित चिकित्सा प्रणालियों का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि देश में आज कुशल स्वास्थ्य कर्मियों और समुदायों को सशक्त बनाने की जरूरत है।

    एकेडमी आफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की कार्यकारी निदेशक डा. श्यामा नागराजन ने विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देशों को मजबूत प्रतिरक्षणशील स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों का निर्माण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सास-2023 स्वास्थ्य प्रणामियों के पुनर्निर्माण और उन्हें समझने और बदलने के लिए प्रमुख नीति निर्माता के रूप में सहायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि एकेडमी ऑफ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से तीन हजार से अधिक व्यक्तिगत सदस्य और 50 संस्थागत सदस्य जुड़े हुए हैं। ये सभी सदस्य देश भर में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में योगदान दे रहे हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner