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    क्रॉस वोटिंग पर लगेगी लगाम, हाथ खड़े करके पार्षद चुनेंगे मेयर; प्रक्रिया में बदलाव करेगा चंडीगढ़ प्रशासन

    चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में क्रॉस वोटिंग और वोट खराब होने की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब मेयर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में सीक्रेट बैलेट पेपर की जगह पार्षदों से हाथ खड़े कराकर मतदान करवाया जाएगा। इस बदलाव से पारदर्शिता बढ़ेगी और क्रॉस वोटिंग पर लगाम लगेगी।

    By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 02 Feb 2025 08:29 AM (IST)
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    चंडीगढ़ प्रशासन एक्ट मे संशोधन करके बदलेगा चुनाव प्रक्रिया (फाइल फोटो)

    राजेश ढल्ल, चंडीगढ। Chandigarh Mayor Election मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग और वोट खराब करने पर जो हर साल बवाल होता है उस पर अगली बार लगाम लग जाएगी, क्योंकि यूटी प्रशासन ने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में मतदान की प्रक्रिया में बदलाव करने करने जा रहा है।

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    जो कि अगले चुनाव पर लागू होगा। प्रशासन अगली बार सीक्रेट बैलेट पेपर की जगह पार्षदों से हाथ खड़े कराकर करके मतदान करने जा रहा है। इस प्रस्ताव पर प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने अपनी सहमति दे दी है।

    1997 से लगातार होता रहा है गुप्त मतदान

    असल में प्रशासक चुनाव को पूरी तरह से पारदर्शिता के पक्ष में हैं। इस बार भी उन्होंने डीसी सहित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि चुनाव पूरी तरह से पारदर्शी होने चाहिए।

    ऐसे में मतदान की प्रक्रिया में बदलाव होने के लिए नियमों और एक्ट में बदलाव किया जाएगा जिसके लिए अधिकारियों को काम करने के लिए कहा गया है।

    मालूम हो कि साल 1997 से लगातार मेयर चुनाव पार्षदों द्वारा गुप्त मतदान से ही होता रहा है। जिसका फायदा क्रॉस वोटिंग करने वालों का मिलता रहा है।

    इस बार भी हुई थी क्रॉस वोटिंग

    इस बार भी तीन वोट क्रॉस होने के कारण ही भाजपा की हरप्रीत कौर बबला चुनाव जीती है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में एक वोट क्रॉस हुआ है। मालूम हो कि डीसी की ओर से चुनाव की अधिसूचना जारी की जाती है।

    इस समय सदन में जब कोई प्रस्ताव पास होता है तो बहुमत भी पार्षदों का हाथ खड़ा करके ही पता किया जाता है।इस बार बेशक तीन वोट क्रॉस हुए लेकिन विपक्ष की ओर से चुनाव प्रक्रिया पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया है।

    सभी दल भुगत चुके हैं क्रॉस वोटिंग का खामियाजा

    हाथ खड़ाकर करके मतदान करवाने का फायदा उस राजनीतिक दल को मिलेगा जिसके पार्षदों की संख्या सबसे ज्यादा होगी और अगर किसी दल का पार्षद विपक्षी दल के उम्मीदवार को वोट करना चाहता है तो उसे सबसे सामने खुलकर समर्थन करना होगा।

    ऐसी स्थिति में पार्षदों की अपने राजनीतिक दलों के प्रति भी जवाबदेही बढ़ेगी और जो क्रॉस वोटिंग के बदले अलग अलग तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं उस पर भी लगाम लगेगी। क्रॉस वोटिंग का खामियाजा पिछले सालों में बहुमत होने के बावजूद सभी राजनीतिक दल भुगत चुके हैं।

    सदन में हो चुका है प्रस्ताव

    जबकि सदन हाथ खड़ाकर करके वोट डालने पर प्रस्ताव पास कर चुका है।अब म्युनिसिपल एक्ट में बदलाव किया जाएगा। जिसकी अधिसूचना जारी करके शहरवासियों से आपत्ति भी मांगी जाएगी।

    सूत्रों का कहना है कि प्रशासक तो इस बार ही हाथ खड़कर करके मतदान करने के पक्ष में थे लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इतनी जल्दी एक्ट में बदलाव करके इस फैसले को आमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता है।

    इसलिए अब इस मुद्दें पर अगली बार काम करने के लिए अधिकारियों को कहा गया है जिस पर अधिकारी अध्ययन कर रहे हैं। असल में पिछली बार पीठासीन अधिकारी अनिल मसील द्वारा भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में आप- कांग्रेस पार्षदों के आठ वोट रद्द करने के मामले में काफी बवाल हुआ था।

    जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया था।उस घटना से पूरे देश में चंडीगढ़ की काफी किरकिरी हुई थी।

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    दल बदल विरोधी कानून भी हो चुका है पास

    चंडीगढ़ में पंजाब म्युनिसिपल एक्ट को फॉलो किया जाता है।।नगर निगम सदन ने कुछ साल पहले दल-बदल विरोधी कानून को चंडीगढ़ में लागू करने को लेकर भी एजेंडा पास किया था और इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था।

    जिसकी मंजूरी न मिलने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका है। पिछले तीन साल में भाजपा में चार और कांग्रेस में एक पार्षद दूसरे दल से शामिल हो चुका है।

    आप सुप्रीम कोर्ट तक गई, प्रशासन पर छोड़ा फैसला

    इस साल भी जनवरी माह में आप के तत्कालीन मेयर कुलदीप कुमार ने मतदान प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए गुप्त मतदान के बजाय हाथ उठाकर मतदान की मांग करते हुए याचिका दायर की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर हस्ताक्षेप करने से इंकार करते हुए फैसला प्रशासन पर छोड़ दिया है।

    प्रशासन के अनुसार मतदान की प्रक्रिया में बदलाव होने पर जो बार बार राजनीतिक दल कोर्ट पहुंच जाते हैं उस पर भी लगाम लगेगी और एक स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा मिलेगा। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं पार्षद योगेश ढींगरा का कहना है कि हर बार मेयर चुनाव के समय खरीद-फरोख्त होती है।

    पार्षदों को अपने घर से दूर रहना पड़ता है। अगर चुनाव में एक भी वोट क्रॉस हो जाए तो सभी पार्षदों पर दाग लगता है। अगर मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव प्रक्रिया में बदलाव हो जाने से इन सभी पर अंकुश लग जाएगा।

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