Budget 2025: 'किसानों से विश्वासघात, पंजाब पर नहीं ध्यान'; बजट पर क्या बोले सुखबीर बादल-बाजवा समेत ये दिग्गज नेता
केंद्रीय बजट 2025 पर पंजाब के दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शिरोमणि अकाली दल के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बजट में पंजाब को कुछ नहीं मिला और यह चुनावी राज्यों पर केंद्रित है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बजट में किसानों से विश्वासघात किया गया है और यह बिहार को देखकर बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी (शनिवार) को संसद भवन में आम बजट पेश किया। पंजाब के दिग्गज नेताओं ने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आम बजट में पंजाब को कुछ नहीं मिला। पंजाब के साथ धोखा हुआ है।
उद्योग के लिए विशेष पैकेज से वंचित
केंद्रीय बजट 2025 राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए नहीं, चुनावी राज्यों पर ध्यान केंद्रित करके बनाया गया है। एमएसपी पर कानूनी गारंटी प्रदान करने और ऋण माफ करने सहित किसानों की सभी मांगों की अनदेखी करके कृषि अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल दिया गया है।
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बजट में इस वर्ष चुनाव में जा रहे राज्यों बिहार व असम पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि पंजाब जैसे महत्वपूर्ण राज्य को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। राज्य को न केवल बॉर्डर क्षेत्र में उद्योग के लिए विशेष पैकेज से वंचित रखा गया है, साथ ही वाघा-अटारी सीमा से पाकिस्तान से व्यापार फिर से खेालने का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
शिक्षा, परिवहन व ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बजट में कटौती की गई है जबकि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करके बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।
-सुखबीर सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री, शिरोमणि अकाली दल
चुनावी एजेंडा को आगे बढ़ाया
केंद्रीय बजट में किसानों से विश्वासघात किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी समर्थन देने का कोई उल्लेख नहीं है जो पूरे भारत में करोड़ों किसानों की मांग है। लगभग 57 प्रतिशत भारतीय अभी भी अपने भरण-पोषण के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं।
सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार 2021-2022 में सभी किसानों में से 55.4 प्रतिशत पर बकाया ऋण है। एक कृषि परिवार पर औसतन 91 हजार रुपये का ऋण है। इन तथ्यों के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों के लिए ऋण माफी या किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोई योजना की घोषणा नहीं की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार गायब है।
इस योजना को सुधारने व इसे किसान हितैषी बनाने के लिए कई बदलावों की आवश्यकता है, परंतु इस बजट में इसे नजरअंदाज कर दिया गया है। यह बजट बिहार को देखकर बनाया गया है। भाजपा यह भूल गई है कि भारत 28 राज्यों व आठ केंद्र शासित प्रदेशों का एक संघ है।
अपने बजट के माध्यम से चुनावी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए, उसने देश के बाकी हिस्सों की जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया है।
- प्रताप सिंह बाजवा, विपक्ष के नेता
केंद्रीय बजट पंजाब की आकांक्षाएं पूरी करने में विफल
केंद्रीय बजट सीमावर्ती राज्य पंजाब के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रहा। पंजाब के लिए कोई नई बड़ी परियोजना की घोषणा नहीं की गई। यहां तक कि रेलवे के राज्यमंत्री भी अपने राज्य के लिए कोई नई रेलवे परियोजना लाने में विफल रहे।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी व फसलों के विविधीकरण के लिए कोई अतिरिक्त बजट की घोषणा नहीं की गई। यहां तक कि कृषि के लिए कुल बजट में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं की गई। सीमावर्ती क्षेत्र में उद्योग के लिए किसी विशेष पैकेज के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
वाघा-अटारी सीमा से पाकिस्तान से व्यापार शुरू करने की कोई घोषणा नहीं की गई। स्वास्थ्य बजट में की गई वृद्धि भी मौजूदा मेडिकल कालेजों में 10,000 अतिरिक्त छात्रों को समायोजित करके के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अपर्याप्त है।
केवल एक लाख रुपये तक मासिक वेतन वाले वर्ग के पास ही खुश होने का कारण है क्योंकि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं है।
-दलजीत सिंह चीमा, शिरोमणि अकाली दल
यह चुनावी बजट, पंजाब को कुछ नहीं मिला
शिक्षा के स्तर व परिवहन क्षेत्र में सुधार के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने, युवाओं के लिए अपरिहार्य नौकरियां दिलाने के लिए आईटी क्षेत्र में बजटीय प्रावधान करने के बजाय केंद्रीय वित्तमंत्री ने इन सभी क्षेत्रों में बजट में कटौती करने का विकल्प चुना। बजट बिहार चुनाव को लेकर बनाया गया है। यह चुनावी बजट है, पंजाब को कुछ नहीं मिला।
- अमरिंदर सिंह राजा वडिग, अध्यक्ष, पंजाब कांग्रेस
बजट हर वर्ग को बड़ी सुविधा प्रदान करने वाला
केंद्रीय बजट 2025 को आम जनता के लिए राहत भरा है। बजट हर वर्ग के लोगों को बड़ी सुविधा प्रदान करने वाला है। 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देना ऐतिहासिक एवं सराहनीय निर्णय है जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, टीडीएस की सीमा 6 लाख रुपये तक बढ़ाने से व्यापारी वर्ग को भी लाभ मिलेगा।
10 हजार नई मेडिकल सीटों के सृजन से चिकित्सा क्षेत्र में छात्रों को बेहतरीन अवसर मिलेंगे। महिलाओं और पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए 5 लाख रुपये की विशेष योजना शुरू करना एक क्रांतिकारी कदम है।
- अरविंद खन्ना, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा
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