चंडीगढ़ में नई सलाहकार परिषद की पहली बैठक आज, कई सब कमेटियों का गठन और सौंपे जाएंगे विभाग
चंडीगढ़ प्रशासन की सलाहकार परिषद की पहली बैठक में शहर के विकास और समस्याओं पर चर्चा होगी। बैठक में ट्राईसिटी मेट्रो ट्रैफिक समस्या मल्टीलेवल पार्किंग लाल डोरा लीज होल्ड टू फ्री होल्ड हेरिटेज स्टेटस और निगम की वित्तीय स्थिति जैसे मुद्दे उठेंगे। पहली बार भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं का सलाहकार परिषद से पत्ता साफ कर दिया गया है।

डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। शहर से जुड़े मुद्दों को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की सबसे बड़ी सलाहकार परिषद की बैठक मंगलवार को होने जा रही है। यूटी प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में होने जा रही यह नई सलाहकार परिषद की पहली बैठक होगी।
31 दिसंबर को प्रशासक की अनुमति के बाद दो वर्ष के लिए नई सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। पहली बार परिषद की बैठक में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 54 हस्तियों को शामिल किया गया है। परिषद का गठन दिसंबर 2026 तक किया गया है।
बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं का पत्ता साफ
पहली बार भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं का सलाहकार परिषद से पत्ता साफ कर दिया गया है। पहली बैठक को लेकर बीते करीब हफ्ते भर से चंडीगढ़ सचिवालय में तैयारियां चल रही हैं। 14 सितंबर के अंतिम बार सलाहकार परिषद की बैठक हुई थी।
पहली बैठक में नए सदस्यों के साथ प्रशासक मुलाकात करेंगे, साथ ही उनसे शहर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा भी करेंगे। बैठक सेक्टर-10 स्थित होटल माउंट व्यू में की जाएगी। चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा ने सलाहकार परिषद की बैठक से पहले सभी विभागों के हेड के साथ तैयारियों को लेकर प्रेजेंटेशन भी ली।
नई सलाहकार परिषद में कोई नया एजेंडा शामिल नहीं किया गया है, लेकिन सितंबर में प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की पहली बैठक में विभिन्न कमेटियों की ओर से दिए गए सुझावों और उस पर विभागों की ओर से लिए गए एक्शन की रिपोर्ट संबंधित विभागों को बैठक में पेश करनी होगी।
करीब 60 मामलों पर अधिकारी रखेंगे प्रशासन का पक्ष
सितंबर में हुई बैठक में 92 विभिन्न मुद्दों को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन पिछली बैठक में सब कमेटियों के चेयरमैन और अन्य मेंबर प्रशासन के अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। कई विभागों ने विभिन्न मुद्दों पर बाद में जवाब देने के लिए समय मांगा था।
14 सितंबर को हुई सलाहकार परिषद की बैठक में करीब 60 नए मुद्दों को सांसद मनीष तिवारी और विभिन्न कमेटियों के चेयरमैन ने उठाया। मंगलवार को होने वाली बैठक में सभी विभागों को सभी मामलों में एक्शन रिपोर्ट पेश करनी होगी।
प्रशासक पहले करेंगे मुलाकात, बाद में बनेंगी सब कमेटियां
मंगलवार को यूटी प्रशासक पहली बैठक में सभी नए सदस्यों से मुलाकात करेंगे। सलाहकार परिषद में खेल, शिक्षा, पर्यावरण, ट्रांसपोर्ट सहित शहर को लेकर कई सब कमेटियों का गठन किया जाता है। पहली बैठक के बाद ही सब कमेटियों का गठन होगा। प्रत्येक सब कमेटी में एक चेयरमैन और अन्य सदस्य शामिल होते हैं।
कमेटी में सेक्रेटरी की जिम्मेदारी यूटी प्रशासन के संबंधित विभाग के अधिकारी को दी जाती है। गुलाब चंद कटारिया पिछली बैठक में निर्देश दे चुके हैं कि हर दो महीने में सब कमेटी की एक बैठक अनिवार्य तौर पर की जाए।
इस बार अधिकतर सब कमेटियों के चेयरमैन पहली बार परिषद में शामिल विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां होंगी। पूर्व सांसद किरण खेर, पीयू कुलपति प्रो. रेणु विज, यूबीएस के प्रो. संजय कौशिक, एसडी कालेज प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा जैसी हस्तियां कमेटी का हिस्सा होंगी।
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सांसद मनीष तिवारी नहीं होंगे बैठक में शामिल
नई सलाहकार परिषद की पहली बैठक में चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी हिस्सा नहीं लेंगे। तिवारी ने कहा कि वह चार फरवरी को नई दिल्ली में संसद में बजट सत्र में होने के कारण बैठक में नहीं आ पाएंगे। तिवारी ने कहा कि उन्होंने प्रशासक को बैठक आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था।
संसद के पहले से शेड्यूल कार्यक्रम के कारण सलाहकार परिषद में पहुंचना संभव नहीं। तिवारी ने कहा कि पिछली बैठक में उन्होंने शहर से जुड़े पांच बड़े मुद्दों को उठाया था, लेकिन अगस्त 2024 से फरवरी 2025 तक कोई एक्शन नहीं लिया गया
सलाहकार परिषद की बैठक में उठेंगे यह अहम मुद्दे
- बैठक में ट्राईसिटी में मेट्रो का मुद्दा उठना तय माना जा रहा है।
- शहर में ट्रैफिक की समस्या और मल्टीलेवल पार्किंग को लेकर प्रशासन की कार्ययोजना पर सवाल।
- लाल डोरा को लेकर भी बैठक में किसी समाधान को लेकर मामला उठ सकता है।
- शहर में लीज होल्ड टू फ्री होल्ड का मामला लंबे समय से लटका हुआ है।
- सेक्टर-1 से 30 तक हेरिटेज स्टेटस से प्रापर्टी की सेल और नए निर्माण पर रोक का मुद्दा उठेगा।
- डड्डूमाजरा में डंपिंग ग्राउंड से कूड़े के पहाड़ से छुटकारे को लेकर निगम की ओर से रिपोर्ट पेश की जाएगी।
- निगम की वित्तीय खस्ता हालत का मामला भी बैठक में उठेगा।
- लाल डोरे से बाहर लोगों को पानी और बिजली के कनेक्शन का मुद्दा।
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