Punjab: 7th Pay Commission जारी करने के लिए केंद्र और पंजाब आमने-सामने, BJP बोली- 'पहले राज्य सरकार करे अपने हिस्से का भुगतान'
गुरू अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना में सातवें पे कमीशन के भुगतान को लेकर आमने-सामने आ गए है। केंद्र की ओर से अब पत्र लिख कर कहा गया है कि सातवें पे कमीशन का पचास फीसद हिस्सा राज्य सरकार को देना है। बाकी का पचास फीसद जो केंद्र की ओर से दिया जाना है यह तभी जारी किया जाएगा जब राज्य सरकार अपना हिस्सा देगी।
रोहित कुमार, चंडीगढ़। केंद्र और राज्य सरकार गुरू अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना में सातवें पे कमीशन के भुगतान को लेकर आमने-सामने आ गए है। केंद्र की ओर से अब पत्र लिख कर कहा गया है कि सातवें पे कमीशन का पचास फीसद हिस्सा राज्य सरकार को देना है।
बाकी का पचास फीसद जो केंद्र की ओर से दिया जाना है यह तभी जारी किया जाएगा जब राज्य सरकार की ओर से अपने हिस्से का भुगतान कर दिया जाता है। अगर राज्य सरकार अपने हिस्से का पचास फीसद का भुगतान नहीं करती तो मार्च 2024 में केंद्र की ओर से जो अपना 50 फीसद हिस्सा दिया जाना है वह लैप्स हो जाएगा।
इतना बनता है पे कमीशन का कुल बकाया
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और कर्मचारियों के पे कमीशन का कुल बकाया 12,65,70,687 रुपये बनता है। इसमें से राज्य सरकार का हिस्सा 6, 32, 85, 384 करोड़ है। जिस का भुगतान राज्य सरकार ने करना है। कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनीमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना को इस बावत पत्र लिखा है।
राज्य के मुख्य सचिव को लिखा पत्र
यूनिवर्सिटी की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को इस बारे में पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी को आइसीएआर की ओर भेज पत्र में लिखा गया है कि केंद्र की ओर से 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2019 तक के बकाए सातवें पे कमीश्न के भुगतान इस शर्त पर किया जाएगा अगर राज्य संशोधित पे स्केल के बकाए का पचास फीसद पहले भुगतान करे।
यूनिर्विसिटी के कर्मचारी लंबे समय से कर रहे काम
ध्यान रहे कि वेटरनी यूनिवर्सिटी में काम करने वाले अध्यापकों साइंटिस्टों के लिए सातवें पे कमीशन के स्केल में संशोधन इसी साल बीते अप्रैल में किया गया था। कंट्रोल की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर पे कमिश्न का बनता अपना 50 फीसद का हिस्सा जल्द से जल्द जारी किया जाए।
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ताकि केंद्र की ओर से दिया जाने वाला पचास फीसद का फंड लैप्स न हो। सातवें पे कमीशन को लेकर यूनिर्विसिटी के कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे है। अगर राज्य सरकार की ओर से अपने हिस्से का फंड जल्द जारी न किया गया तो केंद्र की ओर से दिया जाने वाला फंड लैप्स हो जाएगा।
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