इकबाल सिंह लालपुरा ने राज्यपाल को लिखा पत्र, चंडीगढ़ में पंजाबी को की आधिकारिक भाषा लागू करने की अपील
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन एवं भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड एवं केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य इकबाल सिंह लालपुरा ने मातृभाषा पंजाबी का पैरवी करते हुए पंजाब एवं हरियाणा के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को पत्र लिखा है। इस पत्र में लालपुरा ने चंडीगढ़ में पंजाबी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में लागू करने की अपील है।

जागरण संवाददाता, रूपनगर। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन एवं भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड एवं केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य इकबाल सिंह लालपुरा ने मातृभाषा पंजाबी का पैरवी करते हुए पंजाब एवं हरियाणा के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को पत्र लिखा है। इस पत्र में लालपुरा ने चंडीगढ़ में पंजाबी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में लागू करने की अपील है।
लालपुरा ने पत्र में लिखा है कि 15 दिसंबर को उनके चंडीगढ़ दौरे के दौरान सेक्टर 19 के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के हेड ग्रंथी सहित प्रमुख हस्तियों ने उन्हें चंडीगढ़ में पंजाबी मातृभाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में लागू करने के लिए एक मांग पत्र सौंपा था। जिसके अनुसार तत्कालीन खरड़ तहसील के 28 गांवों का अधिग्रहण करके केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को अस्तित्व में लाया गया था और इन 28 गांवों में केवल पंजाबी बोली जाती थी।
पंजाबी मातृभाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलना चाहिए
चेयरमैन लालपुरा ने पत्र में तर्क दिया कि वर्तमान में चंडीगढ़ में अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है जबकि चंडीगढ़ के अधिकांश निवासी और व्यापारी पंजाबी बोलते हैं और चूंकि यह शहर पंजाब की राजधानी है इसलिए कई मुख्य कार्यालय भी यहीं से संचालित होते हैं। इसलिए चंडीगढ़ में पंजाबी मातृभाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलना चाहिए।
उन्होंने राज्यपाल से पंजाबी बोली को आधिकारिक भाषा के रूप में लागू करने के लिए चंडीगढ़ के अधिकारियों को निर्देश जारी करने की अपील की।

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