आयुष्मान योजना में पंजाब के अस्पतालों के बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, जानें कैसे चल रहा था सारा खेल
Ayushman Yojana Fraud पंजाब में विजिलेंस ब्यूरो ने आयुष्मान योजना में अस्पतालों द्वारा बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। विजिलेंस ने खुलासा किया है कि पंजाब के कई अस्पताल बिना ऑपरेशन किए उसके फर्जी बिल का भुगतान ले रहे थे।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में प्रधानमंत्री जन आरोग्य याेजना (आयुष्मान योजना) में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। निजी अस्पताल में योजना के तहत बिना इलाज किए बीमा क्लेम कर रहे हैं। इस कारण इसका बोझ राज्य सरकार पर आ गया है। विजिलेंस ब्यूरो ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है और जांच अभी जारी है। अभी तक करोड़ों रुपये के घपले की बात सामने आई है।
करोड़ों रुपये की घपलेबाजी आई सामने, जांच जारी, बिना आपरेशन किए क्लेम की बीमा की रकम
विजिलेंस ब्यूरो के चीफ डायरेक्टर डीजीपी बीके उप्पल ने बताया कि जालंधर रेंज के एसएसपी (विजिलेंस) दलजिंदर सिंह ढिल्लों की प्राथमिक जांच में सामने आया कि जालंधर, होशियारपुर व कपूरथला के कई नामी अस्पताल स्मार्ट सेहत कार्ड धारकों के नाम पर मोटी रकम के फर्जी बिल तैयार करके घपलेबाजी कर बीमा क्लेम हासिल कर रहे हैं।
जालंधर, कपूरथला व होशियारपुर में सामने आया फर्जीवाड़ा
प्राथमिक जांच में सामने आया कि जिला कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी के एक नामी अस्पताल ने इस साल करीब 1282 लोगों के इलाज के लिए कुल 4,43,98,450 रुपये का बीमा क्लेम किया। अस्पताल के 519 दावे रद हुए और शेष मामलों में 4,23,48,050 रुपये के दावे स्टेट हेल्थ अथारिटी पंजाब ने पास किए। जांच में आया कि अस्पताल ने इस योजना के तहत एक मरीज के इलाज के बदले उसके परिवार के अन्य लोगों का दाखिला अस्पताल में दिखा कर झूठे बीमा क्लेम किए।
उप्पल ने बताया कि जिला जालंधर के गांव टुरना की परमजीत कौर जिले के ही एक अस्पताल में पित्ते की पथरी का आपरेशन करवाने के लिए दाखिल हुई थी। वह बिना आपरेशन करवाए घर लौट गई, लेकिन अस्पताल ने आयुष्मान योजना के तहत उसके आपरेशन का 22,000 रुपये का फर्जी बिल बिल तैयार कर इफको टोकियो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से दावा हासिल कर लिया।
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उन्होंने बताया कि एक अन्य केस में गांव सिद्धपुर की सुखविंदर कौर भी पत्थरियों का आपरेशन करवाने के लिए इसी अस्पताल में दाखिल हुई। अस्पताल संचालक ने कहा कि उसके एक स्मार्ट हेल्थ कार्ड से इलाज नहीं हो सकता। आपको पहले 25000 रुपये जमा करवाने होंगे या छह से सात स्मार्ट कार्ड लाकर दें, तभी इलाज हो सकता है। सुखविंदर के परिवार ने मजबूरी में तीन सदस्यों के स्मार्ट कार्ड अस्पताल में जमा करवा दिए। उसके बाद इलाज शुरू हुआ। अस्पताल प्रबंधकों ने सुखविंदर कौर के परिवार के तीनों सदस्यों को अस्पताल के बेड पर लेटाकर वीडियो भी बनाई और उनसे कोरे कागजों पर साइन भी करवाए। इसके साथ ही कहा कि अगर कोई फोन आए तो कहना कि हमारा आपरेशन हुआ है।
उन्होंने बताया कि निजी ही नहीं पिछले एक साल में जिला जालंधर, होशियारपुर व कपूरथला के 35 सरकारी अस्पतालों के 1,015 दावे भी इंश्योरेंस कंपनी ने रद किए गए हैं। इन दावों की कुल राशि 52,06,500 रुपये बनती है। सरकारी अस्पतालों में किए गए इलाज के क्लेम रद होना भी हैरान करने वाला है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में किए गए इलाज का क्लेम किसी व्यक्ति विशेष के खाते में न जाकर राज्य सरकार के खाते में जाता है। डीजीपी ने बताया इन मामलों की जांच चल रही है।
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