भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्त पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश, 27 तक पुलिस रिमांड पर
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को मंत्री पद से हटा दिया गया है। सीएम भगवंत मान ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद सिंगला को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
जेएनएन, चडीगढ़। भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला को एक करोड़ 16 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मोहाली थाने में सिंगला के खिलाफ सुबह 11.05 बजे एफआइआर दर्ज की गई। इसके करीब एक घंटे बाद मुख्यमंत्री ने वीडियो शेयर कर मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने और मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की जानकारी दी।
इसके एक घंटे बाद ही पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने सिंगला व उनके ओएसडी प्रदीप कुमार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन के पास से गिरफ्तार कर लिया। शाम को उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 27 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
सिंगला ने 58 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य की एवज में अपने आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) प्रदीप कुमार के माध्यम से चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के एसई राजिंदर सिंह से 1.16 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को 10 दिन पहले ही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद मंत्री का स्टिंग आपरेशन करवाया, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। डा. विजय सिंगला व उनके ओएसडी प्रदीप कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मान बोले- चाहता तो मामला दबा सकता था, लेकिन यह लोगों के साथ धोखा होता
मुख्यमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा, 'मेरी सरकार घूसखोरी को कतई बर्दाश्त न करने की राह पर चलती रहेगी और किसी को भी, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री के खिलाफ उन्हें शिकायत मिली थी। वह हर काम के लिए एक प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे। मैंने खुद इसकी करवाई। डा. सिंगला ने भ्रष्टाचार की बात स्वीकार कर ली है। यह जानकारी केवल मेरे ही पास थी। मैं चाहता तो इसे दबा सकता था, लेकिन ऐसा करना लोगों के साथ धोखा होता।'
ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਇੱਕ ਇਮਾਨਦਾਰ ਸਿਸਟਮ ਕਾਇਮ ਕਰਨ ਲਈ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਹੈ...@ArvindKejriwal ਜੀ ਨੇ ਹਮੇਸ਼ਾ ਕਿਹਾ ਕਿ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨੂੰ ਬਰਦਾਸ਼ਤ ਨਹੀਂ ਕਰਾਂਗੇ ਭਾਵੇਂ ਕੋਈ ਆਪਣਾ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਬੇਗਾਨਾ।
ਸਿਹਤ ਮੰਤਰੀ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੇ ਸਬੂਤ ਮਿਲਣ ‘ਤੇ ਤੁਰੰਤ ਬਰਖਾਸਤ ਕੀਤਾ..ਨਾਲ ਹੀ FIR ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ pic.twitter.com/Wkc5NUlW1v
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) May 24, 2022
रिश्वत न देने पर दी थी करियर खराब करने की धमकी
पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के एसई राजिंदर सिंह प्रतिनियुक्ति पर मोहाली में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि करीब एक माह पहले मैं अपने दफ्तर में मौजूद था। सेहत मंत्री के ओएसडी प्रदीप कुमार ने फोन कर मुझे पंजाब भवन बुलाया। जहां कमरा नंबर 203 में स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला ने मुझे कहा कि यह (प्रदीप कुमार) आप से बात करेगा। यह समझ लेना की प्रदीप नहीं मैं बात कर रहा हूं। मैं जल्दी में हूं। जा रहा हूं।
इसके बाद प्रदीप कुमार ने कहा कि आपने लगभग 41 करोड़ के लगभग निर्माण के कार्यों की अलाटमेंट की है। इसके अलावा मार्च में 17 करोड़ के लगभग ठेकेदारों की अदायगी की है। कुल रकम 58 करोड़ बनती है। इसका दो प्रतिशत कमीशन एक करोड़ 16 लाख रुपये बनता है। एसई ने कहा, मैं यह काम नहीं कर सकता। मुझे बेशक मेरे विभाग में वापस भेज दिया जाए। मुझे कहा गया कि अगर रिश्वत न दी गई तो मेरा करियर खराब कर दिया जाएगा।
कई बार वाट्सएप काल कर मांगे पैसे
एसई ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि इस मुलाकात के बाद मुझे मोबाइल नंबर 7889288012 पर वाट्सएप काल्स का सिलसिला शुरू हो गया। आठ मई, 10 मई, 12 मई, 13 मई और 23 मई को वाट््सएप काल्स कर बार-बार पैसे देने को कहा गया। मैंने फिर कहा कि मैं 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाला हूं। मेरा करियर खराब न किया जाए। मैं अपने मूल विभाग में वापस जाने को तैयार हूं।
20 मई को कहा- 10 लाख दे देना
एसई राजिंदर सिंह ने बताया कि 20 मई को मुझे कहा गया कि आप 10 लाख रुपये दे देना। आगे ठेकेदारों को जितना भी काम अलाट होगा या अदायगी होगी, उसका एक प्रतिशत देते रहना। मैंने कहा कि मेरे खाते में ढाई लाख रुपये ही है। मैं सिर्फ पांच लाख ही दे सकता हूं, जिसके बाद 23 मई को मुझे सचिवालय बुलाया गया। सचिवालय पहुंच कर मैं मंत्री और ओएसडी से मिला। मैंने पांच लाख रुपये देने की बात की और पूछा कि पैसा कैसे देना है। मैंने इस सारी बात को रिकार्ड कर लिया, जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई।
सिंगला बोले, मेरे खिलाफ साजिश
मोहाली अदालत से बाहर आने पर डा. सिंगला ने कहा कि मुझे फंसाने की साजिश रची गई है। सरकार व पार्टी को बदनाम किया जा रहा है।
काल्स डिटेल से कुछ और लोगों की जानकारी जुटाएगी पुलिस
रिश्वत मांगने के आरोपित डा. विजय सिंगला व ओएसडी प्रदीप कुमार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास रवितेश इंद्रजीत सिंह की अदालत में पेश किया गया। सरकारी पक्ष ने आरोपितों के लिए चार दिन के पुलिस रिमांड की मांग की। अदालत में सरकारी पक्ष ने दलील की आरोपितों से उनके मोबाइल फोन की काल्स डिटेल लेकर फोरेंसिक लैब भेजनी है।
इस मामले में और कौन-कौन शामिल है, इसकी जानकारी भी लेनी है। वहीं, बचाव पक्ष ने चार दिन के पुलिस रिमांड का विरोध किया। बचाव पक्ष ने अपनी दलील में कहा कि डा. विजय सिंगला को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। इस मामले में सिंगला की कोई सीधी बातचीत नहीं है। काल्स डिटेल कंपनियों से हासिल की जा सकती है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोनों आरोपितों को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया।
- Bhagwant Mann (@bhagwantmann) 24 May 2022
ਮਾਣ ਆ CM ਬਾਈ @bhagwantmann ਉੱਤੇ ✌️ ਰਿਸ਼ਵਤਖੋਰੀ ਨਹੀ ਚੱਲਣ ਦੇਣੀ ਬਾਈ ਨੇ ! Proud to be Support of AAP ✌️✌️
- Jaskirat Singh Maan (@jaskirat31) 24 May 2022
- CMO Punjab (@CMOPb) 24 May 2022