विरोध के बीच CM मान ने बदल दी लैंड पूलिंग पॉलिसी, सरकार नहीं छीनेगी किसी की जमीन; किसानों को ऐसे मिलेगा फायदा
Punjab Land Pooling Policy पंजाब कैबिनेट ने लैंड पूलिंग नीति में संशोधन किया है जिससे छोटे किसानों को भी लाभ होगा। तीन कनाल से कम भूमि वाले किसानों को कमर्शियल बूथ मिलेंगे। सरकार किसानों को जमीन विकसित होने तक 50 हजार रुपए प्रति एकड़ का ठेका भी देगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि किसानों से जबरदस्ती जमीन नहीं ली जाएगी और विपक्ष भ्रांतियां फैला रहा है।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। एक तरफ जहां आज शिरोमणि अकाली दल (SAD) सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ लुधियाना में बड़ा प्रदर्शन कर रही थी, उसी समय पंजाब की कैबिनेट लैंड पूलिंग को लेकर किसानों के संशय का समाधान खोज रही थी।
लैंड पूलिंग पॉलिसी में बड़ी जमीन के मालिकों को कोई दिक्कत नहीं आ रही थी। लेकिन तीन कनाल से कम जमीन मालिकों ने सरकार के सामने कमर्शियल बूथ देने की मांग रखी थी जिसे सरकार ने आज पूरा कर दिया है।
आज के बदलाव के बाद सरकार को लैंड पूलिंग नीति (Land Pooling Policy) के तहत कितनी जमीन मिलेगी, यह तो कुछ दिनों में पता चलेगा। लेकिन मोहाली के इर्द-गिर्द किसानों की जो सबसे बड़ी मांग थी उसे सरकार ने आज पूरा कर दिया है।
कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला
इसके अलावा जमीन के विकसित होने तक किसानों को खेती करने के साथ साथ जमीन का 50 हजार रुपए प्रति एकड़ ठेका देने का भी फैसला लिया गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान, वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज मीडियाकर्मियों से बात करते हुए लैंड पूलिंग को लेकर रही दिक्कतों को खत्म करने की कोशिश का दावा किया।
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से स्पष्ट किया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर किसानों से सीधी बातचीत की जा रही है। जैसे-जैसे नीति को लेकर वे कोई सुझाव दे रहे हैं, हम नीति में संशोधन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों से जमीन जबरदस्ती अधिगृहीत नहीं की जाएगी, जो किसान इस लैंड पूलिंग नीति का हिस्सा बनना चाहते हैं केवल उन्हीं से जमीन ली जाएगी।
विपक्षी दल फैला रहे भ्रांतियां
लैंड पूलिंग को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा पंजाब से छोटा होने के बाद 48 हजार एकड़ में वहां योजनाबद्ध कालोनियां हैं जबकि पंजाब में मात्र 26 हजार एकड़ में हैं।
यहां पिछली सरकारों ने अवैध कॉलोनियां बनाकर लोगों का पैसा फंसा दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष नीति को लेकर भ्रांतियां फैला रहा है कि जिस जमीन की अधिसूचना जारी हो गई वहां जमीन नहीं बेची जा सकेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। जो किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते उन्हें उनकी जमीन तक पहुंच का सरकारी रास्ता बनाकर दिया जाएगा, वे अपनी जमीन को बेच भी सकते हैं, उस पर कर्ज भी ले सकते हैं और गिरवी भी रख सकते हैं। अधिसूचना का मतलब रजिस्टरी पर रोक नहीं है।
किसान कर सकते हैं खेती
नीति में आज हुए संशोधनों के बारे में जानकारी देते हुए भगवंत मान ने कहा कि जब तक सरकार जमीन का कब्जा नहीं ले लेती किसान, वहां खेती कर सकते हैं और साथ ही उन्हें 50 हजार रुपए प्रति एकड़ सालाना ठेके के रूप में भी दिया जाएगा।
यदि कब्जा लेने में एक साल लग गया तो अगले साल उन्हें एक लाख रुपए प्रति एकड़ देंगे। इसमें प्रति एकड़ दस प्रतिशत वृदि्ध भी होगी।
अभी तक उन जमीन मालिकों को दिक्कत आ रही थी जिनके पास एक कनाल से लेकर तीन कनाल जमीन थी। सरकार ने इनके लिए आवासीय जमीन तो रखी थी लेकिन व्यवसायिक नहीं थी।
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इस तरह समझे गणित
- अब सरकार ने प्रत्येक एक कनाल के बदले, जमीन मालिक को 125 वर्ग गज का एक आवासीय प्लाट और 25 वर्ग गज का एक व्यावसायिक बूथ देने का फैसला लिया है।
- दो कनाल ज़मीन के मालिक को 250 वर्ग गज का एक आवासीय प्लॉट और 50 वर्ग गज की एक दुकान मिलेगी जिसका एफएआर दो होगा। (एफएआर, ज़मीन पर बन सकने वाली मंज़िलों की संख्या है)
- इसी तरह, तीन कनाल ज़मीन के मालिक को 250 वर्ग गज और 125 वर्ग गज का एक आवासीय प्लॉट और 75 वर्ग गज की एक दुकान मिलेगी जिसका एफएआर दो होगा।
- चार कनाल पूल्ड ज़मीन के लिए, 500 वर्ग गज का एक प्लॉट या 250 वर्ग गज के दो प्लॉट और 100 वर्ग गज की एक दुकान मिलेगी जिसका एफएआर तीन होगा।
- पांच कनाल ज़मीन के लिए 500 वर्ग गज और 125 वर्ग गज, या 250 वर्ग गज के दो प्लॉट और 125 वर्ग गज का एक प्लॉट और 100 वर्ग गज की एक दुकान।
- छह कनाल भूमि के लिए, 500 वर्ग गज और 250 वर्ग गज के दो प्लॉट या 250 वर्ग गज के तीन प्लॉट, या 500 वर्ग गज का एक प्लॉट या 125 वर्ग गज के दो प्लॉट और 100 वर्ग गज की एक दुकान और 50 वर्ग गज की एक और दुकान।
- सात कनाल भूमि के लिए, 500, 250 और 125 वर्ग गज के तीन प्लॉट और 100 और 50 वर्ग गज के दो व्यावसायिक स्थल। प्रत्येक एकड़ के लिए, 500, 250, 250 या 250 वर्ग गज के चार प्लॉट और 200 वर्ग गज का एक व्यावसायिक स्थल, जिसका एफएआर तीन होगा।
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