Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लैंड पूलिंग नीति के विरोध के बीच भगवंत मान सरकार का एक और दांव, दोगुना किया जमीन का किराया

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 10:44 PM (IST)

    पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग योजना के तहत किसानों को मनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब किसानों को जमीन के डेवलप होने तक प्रति एकड़ एक लाख रुपये किराया मिलेगा जो पहले 50 हजार था। यह फैसला किसानों की मांग पर लिया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिले और वे योजना में सहयोग करें।

    Hero Image
    पंजाब सरकार ने दोगुना किया जमीन का किराया। फाइल फोटो

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। लैंड पूलिंग को लेकर लगातार बढ़ रहे विरोध के बीच किसानों को मनाने के लिए पंजाब सरकार ने एक और दांव चला है। सरकार ने जमीन के डेवलप होने तक (जब तक इसके एवज में उन्हें प्लाट व कमर्शियल प्रापर्टी नहीं मिलती) उनके प्रति एकड़ पर एक लाख रुपये किराये के रूप में देने की घोषणा की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले यह राशि 50 हजार रुपये थी। इस बात की पूरी संभावना है कि इस फैसले को कल कैबिनेट में लाकर मंजूर करवा लिया जाएगा। पंजाब सरकार ने कल मंगलवार को अचानक कैबिनेट की बैठक बुला ली है। माना जा रहा है कि सरकार लैंड पूलिंग के लिए किसानों की सहमति मिलने पर 21 दिनों के अंदर उन्हें प्रति एकड़ मिलने वाली राशि को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने वाली है।

    यदि सरकार पहले वर्ष में दस हजार एकड़ भी जमीन अधिग्रहीत कर लेती है तो उससे वार्षिक सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा।पंजाब के शहरी विकास व आवास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने लैंडपूलिंग नीति से प्रभावित होने वाले पंजाब भर के 164 गांवों के जमींदारों के साथ बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की।

    उन्होंने कहा कि हमने नीति को और सरल बना दिया है। किसान कह रहे थे कि लैंड पूलिंग के लिए सहमति देने के बाद उनकी जमीन का 50,000 रुपये प्रति एकड़ किराया बहुत कम है।

    उन्होंने कहा था कि वे हर वर्ष हर एकड़ पर खेती से 70,000 से 80,000 रुपये कमाते हैं। हमने इसे बढ़ाने का फैसला किया है। जब वे सहमति देंगे तो उन्हें एक वर्ष के लिए 50,000 रुपये का चेक एडवांस में दिया जाएगा। मुंडियां ने यह भी कहा कि विकास कार्य शुरू होने तक किसान जमीन पर खेती कर सकेंगे। जब हम जमीन का कब्जा ले लेंगे तो किसानों को एक लाख रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे।

    उन्होंने बताया कि किसानों की यह शिकायत थी कि जमीन लेकर उस पर डेवलपमेंट करने में दो वर्ष का समय लगता है। ऐसे में हमें हमारी विकसित प्लाट आदि मिलने में दो वर्ष का समय लगेगा और इस समय के लिए हमें केवल 50 हजार रुपए सालाना ही मिलेंगे। उन्होंने बताया कि हमने इसका रास्ता निकाल लिया है।

    अधिग्रहण के लिए दी गई ज़मीन के बदले, जब तक उन्हें प्लाट और व्यावसायिक जमीन नहीं मिल जाती, तब तक उन्हें हर वर्ष इस एक लाख रुपये में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी दी जाएगी। विकास कार्य पूरा होने तक बढ़ी हुई राशि नियमित रूप से दी जाती रहेगी। मुंडियां ने आगे कहा कि किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने अब उनकी सहमति मिलने के 21 दिनों के भीतर उन्हें आशय पत्र (एलओआइ) जारी करने का फैसला किया है।