'जानवरों से भी बदतर व्यवहार...' अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी हुए आगबबूला
अमेरिकी सरकार द्वारा निर्वासित भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी लगाए जाने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने अवैध अप्रवासियों को हथकड़ी लगाने और बेड़ियों से जकड़ने अमानवीय बताया है। बता दें कि बुधवार को विभिन्न राज्यों से 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर में उतरा था। यह डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का पहला जत्था था।

पीटीआई, चंडीगढ़। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गुरुवार को अमेरिकी सरकार द्वारा निर्वासित अवैध भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी लगाने पर नाराजगी व्यक्त की और इसे अमानवीय बताया है। विभिन्न राज्यों से 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर में उतरा था।
यह अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का पहला जत्था था। बता दें कि उनमें से 33 हरियाणा और 33 गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से थे।
'हथकड़ी लगाना और बेड़ियों से जकड़ना अमानवीय'
बुधवार को निर्वासित लोगों में शामिल जसपाल सिंह ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी लगाई गई और पैरों में जंजीरें बांधी गईं और उन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उतार दिया गया।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी ने इसको लेकर नराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को हथकड़ी लगाना और बेड़ियों से जकड़ना, उन्हें 40 घंटे तक शौचालय का उपयोग करने की अनुमति न देना बिल्कुल अमानवीय है।
केंद्र सरकार से भी किए सवाल
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि इसमें अपराध क्या है? वे बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका गए थे। यह बात ठीक है कि उन्होंने यह अवैध रूप यानी डंकी रूट से किया लेकिन इससे वे अपराधी नहीं बन जाते कि उनके हाथ-पैर बांध दिए जाएं और जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जाए।
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से सवाल करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के साथ उन सभी शिखर सम्मेलनों का क्या मतलब है अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और डॉ. एस जयशंकर यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि हमारे देश के लोगों के साथ अपमानजनक व्यवहार नहीं किया जाएगा?
सऊदी, कतर व इंग्लैंड में गुजारे 12 वर्ष फिर अमेरिका का सफर
बता दें कि अमेरिका से डिपोर्ट होकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा फतेहगढ़ चूड़ियां का जसपाल सिंह करीब एक माह पहले ही डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था। उसने एजेंट के माध्यम से वह करीब दो वर्ष पहले 30 लाख रुपये खर्च कर इंग्लैंड गया था। वहां से वह एक माह पहले डंकी रूट से अमेरिका चला गया। बुधवार को उसे डिपोर्ट कर दिया गया।
मां शिंदर कौर ने बताया कि जसपाल इंग्लैंड जाने से पहले आठ वर्ष सऊदी अरब और चार वर्ष तक कतर में भी रह चुका है। 36 वर्षीय जसपाल सिंह निवासी हरदोरवाल, हाल निवासी सानन कॉलोनी, रेलवे रोड फतेहगढ़ चूड़ियां के घर में जसपाल की पत्नी गुरप्रीत कौर, बेटा दिलप्रीत सिंह और बेटी अर्शदीप सिंह हैं। उसके पिता नरिंदर सिंह की कुछ समय पहले मौत हो चुकी है।
जसपाल सिंह के चाचा के बेटे जसबीर सिंह ने बताया कि जसपाल एक माह पहले ही अमेरिका पहुंचा था। जसपाल के साथ परिवार की कोई बात भी नहीं हुई है। उसने बताया कि जसपाल के पास तीन एकड़ जमीन थी। इसमें दो एकड़ बेचकर वह इंग्लैंड गया था।
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