Punjab: बठिंडा में श्रद्धालुओं से भरी बस में बाइक से टक्कर के बाद लगी आग; देवर-भाभी जिंदा जले
Punjab News पंजाब के बठिंडा जिले में एक बड़ी घटना सामने आई है। यहां एक चलती बस आग का गाेला बन गई। हादसे में बाइक सवार देवर-भाभी की माैत हाे गई है। पुलिस ने माैके पर पहुंच जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। Punjab News: संगत मंडी के गांव गुरथड़ी व मछाणा रोड पर रविवार देर रात श्रद्धालुओं से भरी बस की सामने से आ रहे बुलेट मोटरसाइकिल से टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मोटरसाइकिल बस के अंदर जा घुसा और उसमें सवार देवर-भाभी बस के बीच फंस गए। इसी बीच बस में आग लगने पर चालक ने सवारियों को तुंरत उतार दिया और देखते ही देखते देवर-भाभी आग में जिंदा जल गए। मृतकों की पहचान नवप्रीत सिंह व रेखा निवासी गांव पथराला के रूप में हुई है। दोनों बठिंडा से अपने गांव जा रहे थे।
समाजसेवी बिट्टू हर महीने सालासर धाम ले जाते हैं बस
आग लगने के करीब 20 मिनट के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। मौड़ मंडी के समाजसेवी इलेक्ट्रीशियन बिट्टू हर महीने सालासर धाम के लिए मौड़ मंडी से बस लेकर जाते हैं। इस बार भी शुक्रवार को सालासर धाम के लिए न्यू दीप कंपनी बस लेकर गए थे, जिन्होंने आगे खाटू श्याम भी जाना था। खाटू श्याम धाम बंद होने के कारण वे रविवार को वापस लौट रहे थे। जब बस ब¨ठडा-डबवाली रोड पर गांव मछाना के पास पहुंची तो बठिंडा से संगत मंडी की तरफ जा रहे बुलेट मोटरसाइकिल के साथ टक्कर हो गई।
टक्कर इतनी भयानक थी कि बुलेट सवार देवर-भाभी मोटरसाइकिल समेत बस में बुरी तरह फंस गए। इससे पहले कि लोग उन्हें बचाते बस के इंजन से धुआं उठता देख बस चालक ने बस में सवार सभी को उतार दिया। इसी बीच आग के भड़कने से देवर-भाभी उसमें जिंदा ही जल गए। हालांकि आग पर काबू पाने के लिए लोगों ने खेतों से मिट्टी उठाकर उस पर डालने का प्रयास किया लेकिन देखते ही देखते आग ने पूरी बस को चपेट में ले लिया।
संगत सहारा सेवा क्लब के मेंबर एंबुलेंस लेकर पहुंचे
घटना की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी बठिंडा से रवाना हुई, जो करीब 20 मिनट के बाद मौके पर पहुंची। बस में लग आग को बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं न्यू दीप कंपनी की दूसरी बस मौके पर पहुंची, जिससे सभी यात्रियों को ले जाया गया। थाना संगत के एसएचओ जस¨वदर ¨सह का कहना है कि हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं।
हाईवे पर कोई एंबुलेंस तैनात नहीं
रोड सेफ्टी को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है, इस बात का उदाहरण रविवार को बठिंडा-डाबवाली रोड पर हुए हादसे के वक्त मिल गया। बठिंडा से डबवाली 35 किलोमीटर दूर है और यह नेशनल हाईवे है, लेकिन यहां पर लोगों की सुविधा के लिए कोई भी एंबुलेंस तैनात नहीं है। बस व मोटरसाइकिल की टक्कर में आग लगने के बाद एंबुलेंस भी समाजसेवी संस्था की पहुंची। फायर ब्रिगेड आसपास की किसी भी मंडी या गांव में न होने के कारण बठिंडा से बुलाई गई। उसको वहां तक पहुंचने में करीब 20 से 25 मिनट का समय लग गया।
शव पोस्टमार्टम के लिए फरीदकोट भेजने की तैयारी
सिविल अस्पताल के डाक्टर का कहना है कि दोनों शव पूरी तरह से जलने के कारण उनका पोस्टमार्टम बठिंडा में शायद ही हो पाए। दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए फरीदकोट मेडिकल कालेज में भी भेजे जा सकते हैं क्योंकि जले हुए शवों का पोस्टमार्टम करने की फारेंसिक टीम चाहिए जो कि केवल फरीदकोट मेडिकल कालेज में ही है। वहीं दूसरी तरफ मृतक के परिजन कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। उन्होंने अभी तक सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम रजिस्टर में उनके नाम की अभी तक नहीं करवाई है
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