Delhi-Katra Expressway:पंजाब में किसानों ने जमीन एक्वायर करने आए अधिकारियाें काे घेरा, ट्रैक्टर लेकर लगाया जाम
पंजाब में एक बार फिर किसानाें ने प्रशासन के खिलाफ माेर्चा खाेल दिया है। रविवार काे भारी फोर्स के साथ जमीनों का कब्जा लेने पहुंचे अधिकारियों को किसानों ने खदेड़ दिया। ट्रैक्टर-ट्रालियों समेत सड़क काे जाम कर दिया है।
संवाद सहयोगी, अहमदगढ़ (संगरूर)। गांव छपार व धूलकोट में रविवार सुबह जबरदस्त हंगामा हाे गया। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (NHAI) की टीमें सिविल व पुलिस प्रशासन के काफिले के साथ दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे (Delhi-Katra Expressway) के लिए जमीनों का कब्जा लेने आ पहुंची तो किसानों ने अधिकारियों को घेर लिया। किसानों द्वारा भारी पुलिस फोर्स व जेसीबी मशीनों की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर डाले जाने के बाद बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों समेत मौके पर पहुंच गए व सड़क पर जाम लगाकर रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया।
लुधियाना पश्चिम की एसडीएम की अगुआई में पहुंची थी टीम
लुधियाना पश्चिम की एसडीएम स्वाति टिवाना की अगुआई में प्रशासनिक अधिकारियों व केन्द्रीय टीम के नुमाइंदों ने किसानों को समझाकर जमीन एक्वायर करने के लिए सहयोग देने के लिए कहा, परंतु वह इस बात पर डटे रहे कि जब तक भारत माला योजना के अधीन बनाई जा रही इस सड़क के लिए जमीन एक्वायर करने संबंधी उनकी सभी शर्तें नहीं मानी जाती व बनता मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक वह जमीनों का कब्जा नहीं लेने देंगे। किसानों ने जेसीबी मशीनों के आगे रास्ता रोकने की कोशिश की गई।
पक्का माेर्चा लगाने की दी चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला महासचिव सौदागर घुडानी तथा सड़क सघर्षं कमेटी के प्रधान बिक्रमजीत सिंह ने आराेप लगाया कि मुख्यमंत्री पंजाब की ओर से पहले किए वायदों के बावजूद प्रशासन रोज किसानों की बर्बादी करवा रहे हैं जिससे किसानों के रोष पाया जा रहा है। सौदागर घुडानी ने चेतावनी दी है कि प्रशासन ने जबरदस्ती जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश की गई तो यहां पर भी पक्का मोर्चा लगेगा।
60 हजार एकड़ के ठेके पर जमीन ले परिवार पाल रहा मनजिंदर
छपार निवासी गुरिन्दर सिंह बोपाराय व तीन बेटियों के पिता मनजिंदर सिंह ने अफसोस प्रगट किया कि जिन किसानों की जमीनें बिना मुआवजा दिए एक्वायर की जा रही हैं उनके परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। मनजिंदर सिंह ने बताया कि 60 हजार रुपये एकड़ के ठेके पर जमीन लेकर अपनी तीन बेटियों को पढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सरकार जिंदगी उनकी जिंदगी बर्बाद करने पर तुली हुई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।