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    लुधियाना में धड़ल्ले से बिक रही प्रतिबंधित मांगूर मच्छली, दूसरे राज्यों से चोरी छिपे लाकर की जा रही सप्लाई

    शहर की सरकारी मछली मंडी में नियमाें की अनदेखी की जा रही है। यहां दूसरे राज्य से मछली मंडी में लाने से लेकर उसे आगे बेचने तक का सारा काम सरकार मिलीभगत से चल रहा है। बड़ी बात यह है कि यह सब सरकारी शहर पर चल रहा है।

    By Rajan Kumar Edited By: Vipin KumarUpdated: Sun, 20 Nov 2022 04:43 PM (IST)
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    लुधियाना मछली मंडी में टेंपो से उतार कर आटो रिक्शा में लोड की गई मांगूर मछली। (जागरण)

    राजन कैंथ/लक्की मेहता, लुधियाना। ताजपुर रोड स्थित सरकारी मछली मंडी में सरकार द्वारा प्रतिबंधित मांगूर मच्छली की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। मांगूर मच्छली को अन्य राज्यों से चोरी छिपे लाया जा रहा है। उसके बाद मंडी से शहर के अलग-अलग इलाकों में बेचने के लिए भेजी जा रही है। हालांकि मछली मंडी में पुलिस व अधिकारी हर समय मौजूद रहते हैं। मगर बताया जा रहा है कि दूसरे राज्य से मछली मंडी में लाने से लेकर उसे आगे बेचने तक का सारा काम उनकी कथित मिलीभगत से हाे रहा है। मांगूर मछली की कालाबाजारी के बारे में पूछने पर अधिकारी स्टाफ कम होने का बहाना कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।

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    साल 2000 में ही मांगूर मछली के पालन पर लगाया था प्रतिबंध

    गौरतलब  है कि भारत सरकार की ओर से साल 2000 में ही मांगूर मछली के पालन और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। मगर दैनिक जागरण टीम ने ताजपुर रोड स्थित सरकारी मछली मंडी का मुआयना किया तो देखा गया तो यहां खुलेआम मांगूर मछली की बिक्री की जा रही थी। मछली मंडी के अंदर जाकर ऐसा प्रतीत होता ही नहीं था कि व्यापारियों में उस मछली को बेचने को लेकर किसी प्रकार का कोई भय हो। मतलब साफ है कि मछली मंडी के अधिकारियों के साथ मिलकर बेचने का काम चलाया जा रहा है।

    बीमारियां बेच रहे दुकानदार

    कुछ दुकानदार मोटा पैसा बनाने क चक्कर में लोगों को बीमारियां बेच रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मछली के सेवन से घातक बीमारियां हो सकती है। मांगूर पूरी तरह से मांसाहारी मछली है। इसकी विशेषता यह है कि यह किसी भी पानी (दूषित पानी) में तेजी के साथ बढ़ती है। जहां अन्य मछलियां पानी में आक्सीजन की कमी से मर जाती हैं, लेकिन यह जीवित रहती है। मांगूर छोटी मछलियों समेत यह कई अन्य जलीय कीड़े-मकोड़ों को भी खा जाती है। इससे तालाब का पर्यावरण भी खराब होता है।

    गाड़ियों भर-भर कर बेची जा रही मांगूर

    मछली मंडी में बड़ी संख्या में टेंपो में मछलियां भर कर लाई जाती है। मछली मंडी में चुनिंदा व्यापारी इस मछली को बेचने का काम करते है। टेंपो के बाद उन मछलियों को आटो रिक्शा के जरिए आगे दुकानदारों को सप्लाई किया जाता है। दुकानों से वो मछली ग्राहकों तक पहुंचती है। जानकारी का अभाव व सस्ती होने के कारण लोग उस मछली को खरीद लेते हैं। जो आगे जाकर बीमारियों का कारण बनती है।

    मांगूर बेचने वालों के खिलाफ FIR करवाएंगेः असिस्टेंट डायरेक्टर

    मछली मंडी के असिस्टेंट डायरेक्टर दलबीर सिंह ने बताया कि उनकी टीम की ओर से समय-समय पर चेकिंग की जाती है। मांगूर मछली पर रोक लगाने के लिए नई रणनीति तैयार की जा रही है। ताकि इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा सके। हालांकि पहले भी मांगूर बेचने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। दोबारा टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी।