असम की जेल में गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया शिफ्ट, सिद्धू मूसेवाला की हत्या का है आरोपी, दर्ज हैं 128 मामले
पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मामले में असम की सिलचर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया है। एनसीबी ने यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट के तहत की है। जग्गू पर 128 मामले दर्ज हैं और वह बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था। ऐसी जानकारी है कि आने वाले समय में अन्य अपराधियों और गैंगस्टरों को भी अन्य जेलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता,बठिंडा। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपित और पंजाब के जाने-माने गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को बठिंडा से असम की सिलचर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक एनसीबी ने यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट के तहत की है। यह कानून एनएसए के तहत काफी सख्त है और अब इसे एक साल तक जमानत या चुनौती नहीं दी जा सकती है।
कड़ी सुरक्षा के बीच असम जेल में किया गया शिफ्ट
सूत्रों के मुताबिक जग्गू भगवानपुरिया को हवाई मार्ग से असम ले जाने से पहले भारी सुरक्षा के बीच चंडीगढ़ ले जाया गया था। गैंगसटर जग्गू के खिलाफ पिछले कई सालों में 128 मामले दर्ज हैं। फिलहाल वह बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था। जग्गू पर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी शामिल होने का आरोप है।
पूर्व मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उठाए कई सवाल
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वे पिछले कई सालों से इस गैंगस्टर के कारनामों का शोर मचा रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब के करीब एक दर्जन गैंगस्टरों को पंजाब ट्रांसफर कर दिया जाए तो अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी को कम किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में अन्य गैंगस्टर्स और अपराधियों को भी दूर-दराज की जेलों में शिफ्ट किया जा सकता है। फिलहाल एनसीबी की इस कड़ी कार्रवाई को पंजाब में गैंगवार और ड्रग्स नेटवर्क पर बड़ा झटका माना जा रहा है।
भगवानपुरिया का असली नाम जगदीप सिंह है और वह गुरदासपुर के गांव भगवानपुर का रहने वाला है। उसे पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया पंजाब का पहला गैंगस्टर है, जोकि पाकिस्तान सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी में एक कुख्यात व्यक्ति है।
यह भी पढ़ें- Mohali News: कुत्ते का नहीं था मोमोज फैक्ट्री में मिला मांस का टुकड़ा, जांच में हुआ ये बड़ा खुलासा
सूत्रों ने बताया कि एनडीपीएस से जुड़े विभिन्न मामलों में लंबे समय तक जेल में रहने के दौरान भी उसने कथित तौर पर गुर्गों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से नशा तस्करी, जबरन वसूली और हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
सूत्रों ने बताया कि लंबी जांच के बाद उसके जेल-आधारित संचालन के सबूत सामने आने के बाद उस पर पीआईटी-एनडीपीएस मामला दर्ज किया गया, जिसमें सहयोगियों के माध्यम से तस्करी किए गए मोबाइल का उपयोग करने का खुलासा हुआ। उसके कुछ सह-आरोपिताें की गवाही ने पंजाब के अवैध नशा तस्करी के व्यापार में उसकी अहम भूमिका की पुष्टि की है।
खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि वह पाकिस्तान स्थित आपूर्तिकर्ताओं और कनाडा और अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के साथ जुड़ा हुआ है, जो उसकी गतिविधियों की अंतरराष्ट्रीय प्रकृति और भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए उत्पन्न जोखिमों को रेखांकित करता है। भारत सरकार के संयुक्त सचिव (पीआईटी-एनडीपीएस) के 21 मार्च 2025 के निर्देश के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने उसे बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल से असम की सिलचर सेंट्रल जेल में तत्काल शिफ्ट कर दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।