सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा होगा मंजूर, कौन संभालेगा अकाली दल की बागडोर? SAD की वर्किंग कमेटी की बैठक जल्द
Punjab Latest News शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) का इस्तीफा जल्द ही स्वीकार किया जा सकता है। इसके लिए पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। यह संकेत पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के साथ बैठक के बाद दिया।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का प्रधान पद से इस्तीफा माघी मेले के बाद किसी भी समय स्वीकार हो सकता है। इसके लिए पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। यह संकेत पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ.दलजीत सिंह चीमा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के साथ बैठक के बाद दिया।
गौरतलब है कि जत्थेदार रघबीर सिंह ने छह जनवरी को दिए बयान में दो दिसम्बर, 2024 को तख्तों के सिंह साहिबान की हुई बैठक में जारी किए गए आदेशों को लागू करने की फिर से शिअद हाईकमान को हिदायत दी थी।
उन्होंने इन-बिन फैसले लागू ना होने को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। डॉ. चीमा की अगुवाई में शिष्टमंडल ने आज जत्थेदार को इस्तीफे की स्वीकृति में हो रही देरी के संवैधानिक, चुनाव आयोग तथा अन्य कानूनी अड़चनों से अवगत करवाया। डॉ. चीमा के अनुसार जत्थेदार रघबीर सिंह ने कानूनी अडचनों संबंधी कारणों से संतोष जताया है।
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राजनीतिक कॉन्फ्रेंस के बाद इस्तीफा स्वीकार होने की संभावना
उधर , पंथक सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान सुखबीर का इस्तीफा माघी मेले के दिन ( 14 जनवरी) प्रस्तावित रैली के बाद ही वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर इस्तीफा स्वीकार करने संबंधी फैसला लेगी।
हालांकि, डॉ. चीमा ने खुलासा किया है कि जत्थेदार से मुलाकात के बाद अब वर्किंग कमेटी की बैठक की तिथि जल्द निर्धारित करने के लिए वह कार्यकारिणी प्रधान ब लविंदर सिंह भूंदड़ से अगले एक दो दिन में मुलाकात करेंगे।
हालांकि, डॉ. चीमा ने इस बारे जल्द फैसला ले लिए जाने की बात कही है, लेकिन पंथक सूत्रों के अनुसार वर्किंग कमेटी बैठक माघी मेले के बाद ही आयोजित किए जाने की संभावना है।
चीमा की अमृतपाल, सर्बजीत खालसा व अन्य नेताओं को चनौती
डॉ. चीमा ने माघी मेले पर नई पार्टी का गठन करने की घोषणा करने वाले सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह, सांसद सर्बजीत सिंह खालसा एव अन्य बागी गुट के नेताओं को चुनौती दी है कि वे भारतीय संविधान एवं चुनाव आयोग की शर्तों के तहत नई पार्टी का गठन करके तो दिखाए?
इस संबंधी भरे जाने वाले प्रफार्मा में 38 तरह की प्रशनावली है। नई पार्टी के गठन के लिए इन्हें संविधान प्रति आस्था, धर्मिरपेक्षता एवं लोकतंत्र प्रति आस्था को लेकर शपथ पत्र भी देना होगा , नियमों के अनुसार केवल एक कट्टरपंथी विचारधारा के ही नहीं बल्कि समस्त धर्मों के प्रतिनिधि सदस्यों की भर्ती करनी होती है , पार्टी के गठन के मुख्य मकसद व अन्य लक्ष्यों संंबंधी भी चुनाव आयोग को संतुष्ठ करवाना पड़ता है।
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