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    'पंजाब के अधिकारों पर डाका...', चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म होने पर छिड़ा घमासान, आप-कांग्रेस और SAD का विरोध

    Updated: Wed, 08 Jan 2025 07:18 PM (IST)

    Punjab Latest News केंद्र सरकार के चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म करने के फैसले से पंजाब में सियासी घमासान मच गया है। आम आदमी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) और कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह फैसला पंजाब के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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    चंडीगढ़ में एडवाइजर पद को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab News: केंद्र सरकार की ओर से चंडीगढ़ में एडवाइजर का पद खत्म करने पर राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है।

    उक्त राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का कहना है कि यह निर्णय पंजाब के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि मुख्य सचिव की नियुक्ति राज्य के लिए होती है। चंडीगढ़ कोई राज्य नहीं है और न ही यहां कोई मुख्यमंत्री है। फिर चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति की जरूरत क्यों पड़ गई ?

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    फैसले को पुनर्विचार की जरूरत

    उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस पर पुनर्विचार करे और फैसले को वापस ले। गर्ग ने कहा कि चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार है। साल 1966 में हरियाणा के बंटवारे के समय स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि जब तक हरियाणा अपनी नई राजधानी नहीं बना लेता, तब तक चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश रहेगा उसके बाद इसे पंजाब को सौंप दिया जाएगा।

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    राजधानी बनाने के लिए 1970 में हरियाणा को 10 करोड रुपए भी दिया गया था। हिंदुस्तान में बहुत राज्यों का बंटवारा हुआ और उन्होंने अपनी-अपनी राजधानी बनाई लेकिन पंजाब के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है।

    सुखबीर सिंह ने भी की निंदा

    शिरोमणी अकाली दल के प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके सुखबीर बादल ने केंद्र के इस फैसले की निंदा की है। सुखबीर ने कहा कि फैसला पंजाब सरकार की ओर से केंद्र के साथ मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग इस फैसले को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

    पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि यह निर्णय पंजाब की राय लिए बिना लिया गया है। यह पंजाब के चंडीगढ़ के अधिकार पर डाका मारने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस फैसले को वापस लेना होगा। राज्य के लोग इस को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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