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    सुखबीर बादल के इस्तीफे और शिअद में नई भर्ती पर असमंजस, श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे पुनर्गठन के आदेश

    Updated: Sun, 15 Dec 2024 09:03 AM (IST)

    सुखबीर बादल और अन्य पूर्व अकाली मंत्रियों की धार्मिक सजा पूरी होने के बाद भी शिरोमणि अकाली दल में पुनर्गठन की प्रक्रिया में देरी हो रही है। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी की अगुआई वाली कमेटी अभी तक कोई बैठक नहीं कर पाई है। सुखबीर बादल के इस्तीफे को लेकर भी स्थिति अस्पष्ट है। अभी तक नए पदाधिकारियों के चयन के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

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    शिरोमणि अकाली दल में पुनर्गठन की प्रक्रिया ठप्प (फाइल फोटो)

    गुरमीत लूथरा, अमृतसर। सुखबीर बादल व अन्य पूर्व अकाली मंत्रियों की धार्मिक सजा पूरी होने के बाद भी अकाल तख्त साहिब के आदेश के तहत शिअद में नई भर्ती के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रधान हरजिंदर सिंह धामी की अगुआई में गठित कमेटी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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    अभी तक इसकी न तो कोई बैठक हुई है और न ही शिअद के पुनर्गठन को लेकर प्रयास शुरू किए गए हैं। सुखबीर के इस्तीफे को लेकर भी स्थिति अस्पष्ट है। शिअद के संविधान के अनुसार मौजूदा संगठनात्मक ढांचे की पांच साल की अवधि समाप्त हो चुकी है। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास शुरू नहीं किए गए हैं।

    पदाधिकारियों के चयन के लिए मिला था 6 महीने का समय

    बता दें कि दो दिसंबर को सिंह साहिबान की बैठक के बाद जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने छह माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नए प्रधान एवं पदाधिकारियों का चयन करने की हिदायत कमेटी प्रमुख धामी को दी थी।

    इसी आधार पर बागी गुट शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर के नेताओं प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, गुरप्रताप सिंह वडाला आदि ने सुधार लहर को भंग करने का एलान भी कर दिया।

    उन्होंने अपना संगठनात्मक ढांचा भंग भी कर दिया है, लेकिन अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ की अगुआई वाला धड़ा पहले की तरह ही काम कर रहा है।

    नगर निगम चुनाव में भाग लेगी पार्टी

    पार्टी की कोर कमेटी ने बैठक के बाद नगर निगम चुनाव में भी भाग लेने का एलान कर दिया है। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दो दिसंबर को जारी आदेश के तहत पार्टी हाईकमान को तीन दिन के भीतर सुखबीर बादल व अन्यों का इस्तीफा भी स्वीकार करने की हिदायत दी गई थी।

    शिअद के कार्यकारी प्रमुख भूंदड़ ने सुखबीर के इस्तीफे को स्वीकार करने के संदर्भ में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से 20 दिन की मोहलत हासिल करने की बात कही है, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा इस बारे कोई टिप्पणी अथवा लिखित आदेश सामने नहीं आने से भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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    श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले में बदलाव की परंपरा नहीं

    बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश में संशोधन करने की न तो कोई ऐसी परंपरा है और न ही कोई उदाहरण है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को भी माफी देने का जो हुक्मनामा श्री अकाल तख्त से मई 2015 में जारी हुआ था, उसे भी पंथक दबाव के चलते वापस लेना पड़ा था।

    कानूनी अड़चनों के कारण अब तक बैठक नहीं हुई- धामी

    एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कमेटी के माध्यम से नई भर्ती संबंधी कुछ कानूनी अड़चनें हैं। पार्टी की मान्यता रद्द होने का खतरा है, इसलिए अभी तक उनकी अगुआई में कोई बैठक नहीं आयोजित की गई है।

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