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    बिक्रम मजीठिया ने किया सुखबीर बादल पर हमले के दूसरे साथी का खुलासा, कहा- आपराधिक रिकॉर्ड वाला है आतंकवादी

    Sukbhbir Singh Badal Attack शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) ने नारायण चौड़ा की ओर से सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला करने के मामले में दूसरे साथी की पहचान जसपाल सिंह जस्सा मोटा उर्फ सिरलथ के रूप में उजागर करने का दावा किया। मजीठिया ने कहा कि मोटा भी आपराधिक रिकॉर्ड वाला ज्ञात आतंकवादी है।

    By Rohit Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 12 Dec 2024 07:00 AM (IST)
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    शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने नारायण चौड़ा की ओर से सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला करने के मामले में दूसरे साथी की पहचान जसपाल सिंह जस्सा मोटा उर्फ सिरलथ के रूप में उजागर करने का दावा किया। मजीठिया ने कहा की मोटा भी आपराधिक रिकॉर्ड वाला ज्ञात आतंकवादी है।

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    मजीठिया ने कहा कि अब हमने चौड़ा के दोनों साथियों की पहचान कर ली जो तीन दिसबंर को श्री दरबार साहिब परिसर में उसके साथ मौजूद थे। वह दोनों उस समय भी मौजूद थे जब उसने परिसर की रेकी की और 4 दिसंबर को जब उसने एक अर्ध स्वचालित हथियार से सुखबीर सिंह बादल पर बिल्कुल नजदीक से गोली चलाई थी।

    इससे अमृतसर पुलिस के उन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हमला एक अकेले व्यक्ति द्वारा किया गया ऑपरेशन था।

    रेकी का वीडियो फुटेज हुआ जारी

    यह कहते हुए कि अमृतसर पुलिस और उसके कमिशनर गुरप्रीत सिंह भुल्लर को बहुत कुछ स्पष्ट करना है। उन्होंने कहा कि मैंने श्री दरबार साहिब परिसर में आतंकवादियों द्वारा की गई रेकी का वीडियो फुटेज जारी किया था। हमने दो दिन पहले ही एक आतंकवादी की पहचान धरम सिंह धर्मा उर्फ धर्म बाबा के रूप में की थी। अब हमने दूसरे साथी की भी पहचान कर ली है।

    फिर भी अमृतसर पुलिस इस घटना को आतंकवादी हमला नही मान रही है और मामले में दर्ज एफआईआर में चौड़ा के दो साथियों को शामिल नही किया गया हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जसपाल उर्फ जस मोटा एक जाना-माना कटटरपंथी और आतंकवादी है।

    वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि यह हमला नारायण की अगुवाई में सुखबीर सिंह बादल पर हमला एक सुनियोजित और पूर्व नियोजित हमला था, और इसमें दो अन्य लोग भी शामिल थे। इसलिए पंजाब के डीजीपी को प्रबोध कुमार जैसे निष्पक्ष और विश्वसनीय अधिकारी को जांच सौंपने में देरी नही करनी चाहिए।

    'हिरासत में लेकर की जाए पूछताछ'

    उन्होंने कहा कि अब यह पता लगाना और भी महत्वपूर्ण हो गया कि पुलिस अधीक्षक हरपाल सिंह रंधावा हत्यारों की इस टीम की सहायता क्यों कर रहे थे। यह तभी किया जा सकता है जब एस.पी रंधावा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।

    उन्होंने कहा कि अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत भुल्लर की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, जिन्होंने सहानुभूति हासिल करने की एवं अकेले द्वारा हमला किया गया, से जांच को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं और एफआईआर को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

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