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    एसजीपीसी ने एसआईटी गठन को बताया राजनीतिक कदम, सरकार की दखलअंदाजी अकाल तख्त साहिब को चुनौती

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 04:06 PM (IST)

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब सरकार द्वारा एसआईटी गठित किए जाने का विरोध किया है। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने ...और पढ़ें

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    एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी।

    जागरण संवाददाता, अमृतसर श्री गुरु ग्रंथ साहिब से जुड़े मामले में पंजाब सरकार द्वारा एसआईटी गठित किए जाने का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने विरोध किया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार द्वारा धार्मिक मामलों में दखल देना सिख परंपराओं के खिलाफ है।

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    धामी ने कहा कि धार्मिक मामलों में सरकार का दखल देना न केवल अनावश्यक है, बल्कि श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को सीधी चुनौती है। धार्मिक संस्थाओं के आंतरिक प्रबंधकीय मामलों को राजनीतिक लाभ के लिए उछालना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

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     श्री गुरु ग्रंथ साहिब से संबंधित इस मामले पर पहले ही श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जांच समिति गठित की जा चुकी थी, जिसने पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ जांच की। जांच के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार शिरोमणि कमेटी ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई है। इस प्रक्रिया में किसी के साथ भी कोई रियायत नहीं बरती गई ।

    ये धन की हेराफेरी का मामला है

    शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि यह मामला कुछ कर्मचारियों द्वारा की गई धन की हेराफेरी से जुड़ा हुआ है। इसके बावजूद पंजाब सरकार द्वारा इस मामले को जानबूझकर राजनीतिक रंग देना सिख भावनाओं से खेलने के समान है।

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    उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा करके सरकार श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को चुनौती दे रही है। मौजूदा पंजाब सरकार अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है, जो प्रदेश की शांति और भलाई के लिए ठीक नहीं है।

    उन्होंने दोहराया कि श्री अकाल तख्त साहिब सिख कौम का सर्वोच्च धार्मिक स्थल है और उसके फैसले सिखों के लिए अंतिम और सर्वमान्य होते हैं।

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