अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बोले- ममनरेगा में बदलाव गरीब विरोधी, केंद्र फैसला वापस ले, पंजाब 40% देने में असमर्थ
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मनरेगा योजना में केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों का विरोध किया है, इसे गरीब और मजदूर वर्ग के खिलाफ ...और पढ़ें

अकाली दल अध्यक्ष अमृतसर में मीडिया से बातचीत करते हुए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री हरिमंदरिर साहिब में माथा टेकने पहुंचे शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार के ममनरेगा का नाम बदलने व संशोधन का विरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार पर भी तीखे हमले किए।
सुखबीर बादल के साथ उनकी पत्नी सांसद हरसिमरत कौर बादल भी मौजूद रहीं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि मनरेगा योजना में केंद्र सरकार द्वारा किए गए ताजा बदलाव गरीब और मजदूर वर्ग के खिलाफ हैं, जिन्हें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सुखबीर बादल ने कहा कि मनरेगा एक सौ प्रतिशत केंद्र सरकार की योजना थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को साल में 100 दिन रोजगार की गारंटी मिलती थी। अब इस योजना को 60:40 के अनुपात में बांटकर राज्यों पर वित्तीय बोझ डाल दिया गया है।
यह भी पढ़ें- पंजाब सरकार का बड़ा एलान, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए 6175 करोड़ में से 4684 करोड़ जारी; लाखों लोगों को मिली राहत
पंजाब कर्ज में डूबा राज्य
सुखबीर बादल ने आरोप लगाया कि पंजाब जैसे कर्ज में डूबे राज्य के लिए 40 प्रतिशत हिस्सा देना आसान नहीं है, जिसका सीधा नुकसान मजदूरों और गरीब वर्ग को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार पहले ही केंद्र की कई योजनाओं में अपना योगदान न देकर पंजाब को उनसे वंचित कर चुकी है और अब मनरेगा भी खतरे में डाल दी गई है।
सुखबीर बादल ने केंद्र सरकार से मांग की कि मनरेगा में किए गए बदलाव तुरंत वापस लिए जाएं और पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए। साथ ही उन्होंने सभी पंजाबी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इस फैसले का विरोध करने की अपील की।
यह भी पढ़ें- पंजाब सरकार का मास्टरस्ट्रोक, जनवरी से लागू होगी स्वास्थ्य बीमा योजना; आम जनता को होगा ये फायदा
नामांकन पत्र रद्द करने पर विरोध जताया
ब्लॉक समिति और जिला परिषद चुनावों को लेकर सुखबीर बादल ने भगवंत मान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अकाली दल के करीब 1100 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र जानबूझकर रद्द किए गए। कई हलकों में अकाली दल के सभी उम्मीदवारों के कागज खारिज कर दिए गए, ताकि सत्ताधारी पार्टी को बिना मुकाबले जीत दिलाई जा सके।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं था तो चुनाव कराने का कोई औचित्य ही नहीं था। यह पूरी प्रक्रिया लोकतंत्र की हत्या है।
कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
पंजाब की कानून-व्यवस्था पर बोलते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि राज्य में गुंडागर्दी, गैंगस्टर राज, लूटपाट, नशे और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है और नशा तस्करों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।
शिरोमणि अकाली दल पंजाब के गरीबों, मजदूरों और किसानों के साथ मजबूती से खड़ा है। पार्टी का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि पंजाब को बचाना है।
यह भी पढ़ें- गन पॉइंट पर लुधियाना में लूट, रेट पूछने के बहाने पहले अहाता लूटा, फिर पहुंचे शराब के ठेके पर, हवाई फायर किए

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।