'हमें अपनी मां से दूर कर दिया, आतंकियों को मार डालो'; पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों का दर्द
Pahalgam Terrorist Attack पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद होने से कई परिवार टूटने की कगार पर हैं। पाकिस्तानी बच्चों और उनके पिताओं का दर्द देखकर दिल दहल उठता है। वे आतंकियों को कड़ी सजा देने या उन्हें मार डालने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तानी मूल के लोगों के भारत से जाने की रविवार को अंतिम तिथि थी।

नितिन धीमान, अमृतसर। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद कर दिए जाने से अपनी भारतीय मांओं से दूर होने या गंभीर रोग के उपचार में रुकावट पड़ने से पाकिस्तानी बच्चों व उनके पिताओं की टीस आतंकियों को कड़ी सजा देने या उन्हें मार डालने की मांग के रूप में सामने आई है।
पाकिस्तानी मूल के लोगों के भारत से जाने की रविवार को अंतिम तिथि थी। पाकिस्तानी लोगों को बॉर्डर पार भेजने के बाद बार्डर पूर्णतया बंद कर दिया गया है। केवल मेडिकल वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को दो दिन और मोहलत दी गई है।
सिसक-सिसक कर रोया 11 वर्षीय आलियान
रविवार को पाकिस्तान लौटने वाले पाकिस्तानियों में 11 वर्षीय मोहम्मद आलियान सिसक-सिसक कर रोया। आलियान ने कहा-‘हम मम्मी के बिना पाकिस्तान जा रहे हैं। मम्मी इंडिया में रह गई हैं। उनकी बहुत याद आ रही है। मेरा मन नहीं लग रहा है। मेरी मम्मी नई दिल्ली में हैं। उनके पास भारतीय पासपोर्ट है इसलिए उन्हें पाकिस्तान जाने नहीं दिया जा रहा। मैं मम्मी के बिना कैसे रहूंगा। मम्मी प्लीज जल्दी आ जाओ न।’
'आतंकियों को सरकार मार डाले'
इसी प्रकार 10 वर्षीय जायना अपनी नानी से मिलने मां के साथ भारत आई थी। उसकी मां को भी पाकिस्तानी पासपोर्ट न होने के कारण नहीं जाने दिया गया। इन दोनों बच्चों ने कहा कि आतंकवादियों को सरकार मार डाले। उन्हें ऐसी सजा दो कि कोई भी दोबारा ऐसी हिमाकत न कर पाए। इनके कारण हमें अपनी मां से दूर होना पड़ा है।
पत्नी और बच्चों के साथ इलाज कराने आए थे इरफान
अटारी सीमा पर पहुंचे मोहम्मद इरफान ने बताया कि वह अपने बच्चों व पत्नी के साथ 27 मार्च को भारत आए थे। मेरी ससुराल दिल्ली में है। पहलगाम नरसंहार के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने को कहा है।
उन्होंने कहा कि मैं और मेरे दोनों बच्चे जैनब व जनीश का पासपोर्ट पाकिस्तान का है पर मेरी पत्नी भारतीय पासपोर्ट धारक है। बेटा जैनब को अधरंग है। हम उसका उपचार करवाने भारत आए थे। अब मेरी पत्नी को पाकिस्तान नहीं जाने दिया गया।
मेरी मोदी सरकार से यही अपील है कि आतंकियों को सख्त सजा दी जाए क्योंकि इन्होंने न केवल निर्दोष लोगों की हत्या की अपितु परिवारों को भी बिछड़ने का दर्द दिया है। मेरे दोनों बच्चे दिल्ली से रोते हुए यहां तक पहुंचे हैं। हमारे पास 45 दिन का वीजा था पर तीस दिन बाद ही हमें जाना पड़ा है। अब क्या होगा, यह सोचकर दिल फट रहा है।
कुल 537 पाकिस्तानी लौटे, 850 भारतीय स्वदेश वापस आए
अटारी बॉर्डर से रविवार को 237 पाकिस्तानी अपने मुल्क लौटे तथा पाकिस्तान गए 116 भारतीय स्वदेश वापस आए। अब तक 537 पाकिस्तानी नागरिक अपने मुल्क जा चुके हैं जबकि 850 भारतीय नागरिक स्वदेश लौट चुके हैं।
विशेष यह कि पाकिस्तान गए सभी भारतीयों के पास भारतीय पासपोर्ट था। कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत में विवाह किया है पर अपनी पत्नियों का पासपोर्ट भारतीय ही रखा है। यही कारण है कि इन्हें पाकिस्तान नहीं जाने दिया गया।
रविवार को मात्र आठ हजार लोग रिट्रीट सेरेमनी देखने पहुंचे
सीमा सुरक्षा बल की ओर से रविवार को भी रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया गया। प्रत्येक रविवार को रिट्रीट देखने के लिए पच्चीस से तीस हजार लोग आते थे पर पहलगाम नरसंहार के बाद रिट्रीट में लोगों की संख्या कम है।
रविवार को आठ हजार लोगों ने रिट्रीट देखी। रिट्रीट के समय सीमा सुरक्षा बल की ओर से गेट बंद रखे गए। पाकिस्तानी रेंजर्स से हाथ नहीं मिलाया गया।
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