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आखिर क्‍यों सामने नहीं आ रहे सिद्धू, 'अज्ञातवास' पड़ सकता है भारी, अब कुर्की-जब्‍ती की तैयारी

बड़ा सवाल उठ रहा है आखिर नवजोत सिद्धू कहां हैं। वह समन देने आई बिहार पुलिस से सात दिन तक नहीं मिले। अब टीम ने नोटिस को कोठी के बाहर चिपका दिया। सिद्धू के रुख से टीम हैरान है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 05:19 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 09:31 AM (IST)
आखिर क्‍यों सामने नहीं आ रहे सिद्धू, 'अज्ञातवास' पड़ सकता है भारी, अब कुर्की-जब्‍ती की तैयारी
आखिर क्‍यों सामने नहीं आ रहे सिद्धू, 'अज्ञातवास' पड़ सकता है भारी, अब कुर्की-जब्‍ती की तैयारी

अमृतसर, जेएनएन। पंजाब में बडा़ सवाल उठ रहा है कि आखिरकार पूर्व क्रिकेटर व पंजाब केे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कहां हैं और सामने क्‍यों नहीं आ रहे हैं? उनका यह रुख भारी पड़ सकता है और अब उनके खिलाफ कुर्की-जब्‍ती वारंट जारी हो सकता है। बिहार पुलिस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सिद्धू अपनी कोठी मेंं हैं या बाहर इस बारे में उनका स्‍टाफ कुछ नहीं बता रहा, लेेकिन चर्चा है कि वह अपनी कोठी में ही हैं। ऐसा कई बार हुआ है कि वह इसी तरह 'अज्ञातवास' में चले जाते हैं।

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सात दिन तक बिहार पुलिस की टीम से समन न लेने पर आगे की कार्रवाई की तैयारी

दरअसल बिहार पुलिस की टीम एक केस में उनके नाम समन लेकर अमृतसर आई और सात दिनों तक सिद्धू की कोठी के चक्‍कर लगाती रही, लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद आठवें दिन मंगलवार को टीम ने उनकी कोठी के बाहर समन का नोटिस चिपका दिया। यह रवैया सिद्धू को भारी पड़ सकता है। अब सहयोग नहीं करने की स्थिति में बिहार पुलिस उनके खिलाफ सख्ती बरत सकती है। बिहार पुलिस के सूत्रों के अनुसार सिद्धू के नहीं मिलने की स्थिति में पुलिस ने कुर्की-जब्ती वारंट के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

सात दिनों तक समन नहीं लिया तो बिहार पुलिस की टीम ने नोटिस कोठी के बाहर चिपकाया

पंजाब सरकार में मंत्री रहे सिद्धू के इस व्यवहार को लेकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छिड़ गई है कि आखिर सिद्धू समन रिसीव करने से क्यों डर रहे हैैं। उनके विरोधियों का कहना है किे सिद्धू कई बार सांसद भी रहे, ऐसे में उनका रुख हैरान करने वाला है। कानून बनाने और कानून की रखवाली करवाने की जिम्मेदारी जिन जनप्रतिनिधियों के कंधों पर होती है वह कानूनी प्रक्रिया के तहत समन रिसीव क्यों नहीं कर रहे।

जब्‍ती-कुर्की वारंट जारी कराने के लिए कोर्ट जा सकती है बिहार पुलिस

बिहार पुलिस की टीम उन्हें समन देने के लिए घर के बाहर बैठी रही लेकिन सिद्धू घर से बाहर नहीं आए। सात दिन के इंतजार के बाद परेशान हुई पुलिस टीम ने उनकी कोठी के बाहर नोटिस चिपकाया है। सिद्धू के इस तरह के रवैये के कारण उनके लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है। बताया जाता है कि बिहार पुलिस अब सख्‍त कदम उठाने की तैयारी में है। बिहार पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सिद्धू के खिलाफ जब्‍ती-कुर्की का वारंट जारी कराने के लिए पुलिस कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

बता दें कि बि‍हार के कटिहार जिले में लाेकसभा चुनाव के दौरान उनके विवादित भाषण के कारण वहां केे बारसोई पुलिस थाना में चुनाव आचार संहिता के उल्‍लंघन का केस दर्ज है। इसी को लेकर बिहार पुलिस टीम समन लेकर उनकी कोठी पर पहुंची थी। इससे पहले भी दिसंबर 2019 में बिहार पुलिस की एक टीम ऐसे ही परेशान होकर लौट चुकी है।

नवजोत सिंह सिद्धू की कोठी के बाहर चिपकाया गया नोटिस।

नवजोत सिंह सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार के कटिहार जिले में रैली में एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया थाl बता दें कि बिहार के कटिहार जिले से आई पुलिस टीम सोमवार को भी दिन भर पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की कोठी के बाहर पेड़ के नीचे बैठी रही, लेकिन सिद्धू नहीं मिले।

सुरक्षा कर्मी और पायलट गाड़ी कोठी में तैनात, सवाल: कहां गायब हो गए सिद्धू

बिहार पुलिस को यही बताया गया कि सिद्धू घर पर नहीं हैैं। लेकिन, यह बात भी सामने आई है कि सिद्धू की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मचारी और पायलट कोठी पर ही तैनात हैं। ऐसी स्थिति में सवाल उठने लगे हैैं कि जब सुरक्षा कर्मी और पायलट गाड़ी उनकी कोठी पर तैनात है तो सिद्धू कहां हैैं? वहीं सूत्रों का कहना है कि सिद्धू शहर में ही हैं और कोठी के अंदर हैं, परंतु किसी से मिल नहीं रहे।

पुलिसकर्मी बोले- 30 साल की नौकरी में नहीं आई ऐसी नौबत

बिहार के कटिहार जिले के थाना बारसोई के सब इंस्पेक्टर जनार्दन राम कहा कि वह कई प्रमुख  व्यक्तियों को नोटिस थमा चुके हैं, लेकिन 30 साल की नौकरी में कभी ऐसे हालात नहीं देखे। एसआइ जनार्दन राम और एसआइ जावेद अहमद ने कहा कि सिद्धू एक अनुशासित खिलाड़ी रहे हैैं लेकिन एक समन रिसीव करने के लिए उन्हें पिछले सात दिन से घुमा रहे हैं। अब आला अधिकारियों के आदेश पर सिद्धू की कोठी के बाहर नोटिस चिपकाया गया है। उनका यह अनुभव काफी हैरान करने वाला रहा।

रोज 1700 रुपये खर्च, अब वापस जाएंगे

बिहार पुलिस के दोनों एसआइ सिद्धू की कोठी से डेढ़ किलोमीटर दूर एक होटल रुके हुए हैैं। जहां उन्हें रोजाना एक हजार रुपये रेंट और सात सौ रुपये खाने व अन्य कार्यों के लिए खर्च करने पड़ रहे हैैं। नोटिस चिपकाने के बाद अब दोनों कटिहार लौटने के लिए तैयार हैैं। उन्होंने 26 जून की ट्रेन में सीट आरक्षित करवा ली है।

टीम के सदस्‍य सब इंस्पेक्टर जनार्दन राम और सब इंस्पेक्टर जावेद अहमद ने बताया कि वे लगातार सिद्धू को समन तामील कराने के लिए आते रहे, लेकिन उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। रविवार को उनके स्‍टाफ की ओर से कहा गया था सिद्धू सोमवार को मिल सकते हैैं, लेकिन पूरा दिन कोठी के बाहर इंतजार करनके बाद भी वह नहीं मिले और नोटिस रिसीव नहीं किया।

नवजोत सिंह सिद्धू की कोठी केे बाहर नोटिस चिपकाते बिहार पुलिस टीम के सदस्‍य।

बिहार पुलिस टीम के दोनों अधिकारियों ने साेमवार को कहा था कि उन्हें आइजी विनोद कुमार ने समन की कॉपी रिसीव करवाने के बाद लौटने को कहा है। इसीलिए वे एक सप्ताह से यहां डेरा डाले हुए हैैं। लेकिन, मंगलवार को अधिकारियों के आदेश के बाद सिद्धू की कोठी के बाहर नोटिस चिपका दिया। टीम केे सदस्‍य मंगलवार को भी नवजोत सिंह सिद्धू की कोठी केे बाहर पहुंचे थे, लेकिन उनकाे कोई जवाब न‍हीं मिला। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू की कोठी के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। उनके लिए वहां ठंडे पानी केे लिए वाटर कूलर है, लेकिन बिहार पुलिस की टीम वहां पहुंची तो वाटर कूलर को वहां से हटा दिया गया।

यह है मामला

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद नवजोत सिं‍ह सिद्धू ने बिहार में कांग्रेस उम्‍मीदवाराें के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित किया था। उन्‍होंने 16 अप्रैल 2019 को कटिहार के बारसोइ इलाके में कांग्रेस उम्‍मीदवार तारिक अनवर के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया था। आरोप है कि सिद्धू ने सभा ने एक समुदाय विशेष को उकसाने वाला भाषण दिया। इस पर विवाद पैदा हो गया और विराेधियों ने उन पर निशाना साध दिया।

कांग्रेस प्रत्‍याशी तारिक अनवर ने भी उनके बयान से असहमति जताई और खुद को इससे अलग कर लिया। इसके बाद चुनाव पर्यवेक्षक की शिकायत पर सिद्धू के खिलाफ बारसोई थाने में केस दर्ज किया गया। बिहार पुलिस की टीम दिसंबर में भी नवजोत सिंह सिद्धू को नोटिस देने अमृतसर उनकी कोठी पर आई थी, लेकिन उस समय भी वह नहीं मिले थे और नोटिस रिसीव नहीं किया।

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