Amritsar News: पराली जलाने वाले 279 किसानों पर लगा 6.97 लाख का जुर्माना, 52 की राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री
Amritsar News पंजाब सरकार इन दिनों पराली जलाने को लेकर काफी सख्त रवैया अख्तियार किए हुए है। इसी के चलते अमृतसर में पराली जलाने के 279 मामले सामने आए जिसमें 6 लाख 97 हजार 500 का जुर्माना किया गया। इसके साथ ही डीसी ने बताया कि जिन खेतों में आग लगाई जा रही है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। जिले में पराली जलाने वालों पर प्रशासन लगातार सख्ती कर रहा है। अब तक पराली जलाने के 279 मामलों में 6,97,500 रुपये जुर्माना किया जा चुका है। डीसी अमित तलवाड़ द्वारा टीमों को विशेष तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि जिन खेतों में लगातार आग लगाई जा रही है। वहां पर सख्त कार्रवाई की जाए।
डीसी अमित तलवाड़ ने कहा कि अब तक हमारी टीमों को सेटेलाइट के माध्यम से 519 स्थानों पर आग लगने की सूचना मिली है, जिनमें से 432 स्थानों का विभिन्न अधिकारियों की ओर से दौरा किया गया है। इनमें से 279 स्थानों पर पराली में आग लगने की पुष्टि हुई है और संबंधित किसानों पर लगभग छह लाख 97 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
52 किसानों की राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पराली को आग लगाने वाले 52 किसानों की राजस्व रिकार्ड में रेड एंट्री भी की गई है।उन्होंने किसानों को सचेत करते हुए कहा कि हमारी नजर हर खेत पर है और जो भी पराली जलाएगा, उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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SDM क्षेत्र में पहुंचकर कर रहे कार्रवाई
डीसी ने कहा कि प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम आग लगने वाले क्षेत्र में पहुंचकर कार्रवाई कर रहे हैं। एक एकड़ धान की फसल से लगभग ढाई से तीन टन पराली पैदा होती है और एक टन पराली जलाने से हमें 400 किलोग्राम जैविक कार्बन, 5.5 किलोग्राम नाइट्रोजन, 2.3 किलोग्राम फास्फोरस, 2.5 किलोग्राम पोटाश की हानि होती है। इसलिए किसानों को धान की पराली जलाने की बजाय उसे जमीन में मिलाकर गेहूं की बुआई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की पराली को खेतों में मिलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, खाद डालने की जरूरत कम पड़ती है और मित्र कीटों की संख्या बढ़ने से फसल पर कीटों का आक्रमण कम होता है।
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