डॉक्टर की धमकी; निजी अस्पताल में जाओ, नहीं तो मरीज की अंगुलियां काट दूंगा
गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर अपनी मर्यादा ही भूल गया। उसने मरीज की अंगुलियां काटने की धमकी दे डाली और उससे दुव्र्यवहार किया।
जेएनएन, अमृतसर। गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर अपने पेशे की मर्यादा भूल बैठा। इस डॉक्टर ने सड़क दुर्घटना में लहूलुहान हुए एक युवक व उसके परिजनों से अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। मरीज का उपचार करने की बजाय साफ कह दिया कि इसे निजी अस्पताल में ले जाओ, वरना अंगुलियां काट दूंगा।
परिजनों ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला दिया तो डॉक्टर गुस्से से भर गया और उन्हें भला-बुरा कहा। यह अपमानजनक व पीड़ादायक शब्द सुनकर मरीज के परिजन निराश हो गए और उसे निजी अस्पताल में ले आए। गंभीर रूप से जख्मी मरीज के अब तक दो ऑपरेशन हो चुके हैं, जबकि तीसरे आपरेशन की तैयारी की जा रही है।
सुदेश कुमार निवासी बटाला रोड ने बताया कि उसका 22 वर्षीय भाई सोनू रविवार की रात 11 बजे मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर आ रहा था। इसी दौरान 88 फुट रोड पर एक स्कूटर सवार अचानक उसके मोटरसाइकिल के सामने आ गया। स्कूटर पर एक दंपती व नौ माह का बच्चा था। इन्हें बचाने की कोशिश में सोनू ने अचानक ब्रेक लगा दी। इससे मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और वह गड्ढे में जा गिरा। मोटरसाइकिल भी उसके पैर के ऊपर आ गिरा। इस हादसे में सोनू के पैर की अंगुलियों की हड्डी टूट गई। घटना की जानकारी मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और सोनू को गुरुनानक देव अस्पताल में दाखिल करवाया।
सुदेश कुमार के अनुसार अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर ने उसकी मरहम पट्टी तो की, लेकिन जब उन्होंने उससे सोनू की हालत के बारे में पूछा तो वह भड़क गया। उसने तल्ख शब्दों में कहा कि इसे यहां से ले जाओ, वरना पैर की अंगुलियां काट दूंगा। उन्होंने डॉक्टर से शालीनतापूर्वक बात करने को कहा, पर वह उनसे लगातार दुव्र्यवहार करता रहा और मरीज का उपचार करने से इंकार कर दिया। डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि अस्पताल में सीनियर डॉक्टर नहीं आते।
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सुदेश ने बताया कि वह सोनू को उसी अवस्था में बटाला रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले आए। यहां डॉक्टरों ने उसके पैर के दो ऑपरेशन किए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि यदि इलाज में कुछ देर और हो जाती तो मरीज की जान जा सकती थी। सरकारी अस्पताल में हुए इस व्यवहार की शिकायत पीडि़त परिवार स्वास्थ्य मंत्री से करने जा रहा है।
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लिखित शिकायत मिले तो होगी कार्रवाई : एमएस
गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है। पीडि़त परिवार उन्हें लिखित शिकायत दे, वह डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
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जीएनडीएच में रात के समय नहीं आते स्पेशलिस्ट डॉक्टर
सरकारी अस्पतालों में रात के समय आपातकालीन स्थिति में मरीज के आने पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर की उपलब्धता भी अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग ने इस संदर्भ में सभी अस्पतालों में आदेश भी जारी किया है। दुखद पहलू यह है कि सरकारी अस्पतालों में रात के समय कभी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं आते, बेशक मरीज तड़प-तड़प कर मर जाए। ज्यादातर डॉक्टर रात के वक्त अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर सो जाते हैं।
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