अकाल तख्त पर पांच सिख साहिबानों की बैठक, स्वरूपों से जुड़े मामले में सरकार पर उठाया सवाल; अब रिसॉर्ट नहीं ले जाए जा सकेंगे गुरु ग्रंथ साहिब
अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 स्वरूपों से जुड़े गंभीर मामले और अन्य पंथक व ...और पढ़ें

बैठक में मौजूद पांच सिंह साहिबान।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में रविवार को पांच सिंह साहिबानों की एक अहम बैठक आयोजित हुई है। जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पावन स्वरूपों से जुड़े गंभीर मामले सहित कई महत्वपूर्ण पंथक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इसके साथ ही अहम फैसला सुनाते हुए किसी भी रिसॉर्ट या मैरेज पैलेस में श्री गुरु गंथ साहिब के प्रकाश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बैठक में कहा गया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) सिखों की चुनी हुई संवैधानिक संस्था है और किसी भी सरकार को सिख धर्म के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
आनंद कारज को लेकर सख्त आदेश जारी करते हुए मैरेज पैलेस, रिसॉर्ट, बीच, व्यावसायिक फार्म हाउस आदि स्थानों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश कर आनंद कारज करने पर पूर्ण प्रतिबंध दोहराया गया। आदेशों के उल्लंघन पर संबंधित रागी जत्थों, आयोजकों और स्थान मालिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
यह भी पढ़ें- VIDEO: बड़े होकर क्या बनेगा? ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जवानों की सेवा करने वाले बच्चे से PM मोदी की मजेदार बातचीत
एसजीपीसी आप हल करेगी मसला
सिंह साहिबानों ने स्पष्ट किया कि यदि कोई विषय एसजीपीसी अपने संस्थागत ढांचे के माध्यम से हल कर सकती है, तो उसमें सरकार या पुलिस को शामिल करना अनुचित है। इस अवसर पर सरदार ईश्वर सिंह जांच आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया गया। जिसमें कहा गया कि पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों को सरकारी कानून या पुलिस थानों के माध्यम से सही ढंग से निपटाया जाना उचित नहीं है।
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि राजनीतिक दल इस संवेदनशील विषय का अपने निजी हितों के लिए दुरुपयोग न करें।
यह भी पढ़ें- पंजाब की हाई सिक्योरिटी बठिंडा केंद्रीय जेल का वार्डन अरेस्ट, नशे की सप्लाई करता था; यहीं हुआ था लॉरेंस का इंटरव्यू
पंजाब पुलिस की भूमिक पर सवाल
बैठक में पंजाब पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। कहा गया कि सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले प्रचार को लेकर दी गई कई शिकायतों पर अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जबकि मामूली मामलों में भी सिखों पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली जाती है।
ऐसे में SGPC के आंतरिक मामलों की जांच सरकार या पुलिस को सौंपना पूरी तरह अनुचित बताया गया।
AI आधारित वायरल वीडियो पर भी उठे सवाल
पांच सिंह साहिबानों ने सिख इतिहास पर आधारित फिल्मों, एनीमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वीडियो को लेकर भी अहम निर्णय लिया। निर्णय के अनुसार सिख गुरु साहिबानों, उनके परिवारजनों, शहीदों और महापुरुषों की नकल या दृश्य रूपांतरण कर कोई भी फिल्म या एनीमेशन बनाना निषिद्ध रहेगा।
SGPC की पूर्व अनुमति के बिना सिख इतिहास से जुड़ी कोई फिल्म नहीं बनाई जा सकेगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।