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    'जब आजम खान कुंभ मेला के प्रभारी बन सकते तो...', संजय निरुपम ने अखिलेश यादव पर क्यों उठाए सवाल?

    शिवसेना नेता संजय निरुपम ने वक्फ संशोधन विधेयक मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एक गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड का सदस्य क्यों नहीं बन सकता है। उन्होंने सपा सरकार में प्रयागराज में हुए कुंभ मेला का जिक्र किया। निरुपम ने कहा कि अगर हिंदुओं के सबसे बड़े आयोजन का प्रभारी आजम खान को बनाया जा सकता है तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम क्यों नहीं हो सकता।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 27 Dec 2024 08:43 PM (IST)
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    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आजम खान और संजय निरुपम। ( फाइल फोटो )

    एएनआई, मुंबई। एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी तो मुस्लिम नेता आजम खान को कुंभ मेले का प्रभारी बनाया गया था तो फिर कोई गैर मुस्लिम वक्फ बोर्ड के सदस्य क्यों नहीं हो सकता।

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    निरुपम ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ एक ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में दुनिया भर से हिंदू आएंगे। केंद्र सरकार ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक में गैर-मुस्लिमों को बोर्ड के सदस्य के रूप में शामिल करने का प्राविधान किया। मगर समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया।

    अब अखिलेश यादव से सवाल पूछ रहा हूं कि यूपी में उनके शासन में मुस्लिम नेता आजम खान को कुंभ मेले का प्रभारी बनाया गया था। जब एक मुस्लिम नेता हिंदुओं के सबसे बड़े समागम का प्रभारी हो सकता है तो एक गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड का सदस्य क्यों नहीं हो सकता।

    सपा ने किया वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध

    केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में गैर-मुस्लिमों को भी शामिल करने का प्रविधान है। समाजवादी पार्टी ने इस प्रविधान का विरोध किया है। अब अखिलेश यादव से सवाल पूछे जा रहे हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में उनके शासनकाल के दौरान मुस्लिम नेता आजम खान को कुंभ मेले का प्रभारी बनाया गया था।

    अब तक जेपीसी की 27 बैठकें संपन्न

    हाल ही में लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और 2025 के बजट सत्र के अंत तक उनको रिपोर्ट पेश करना है। पांच दिसंबर को जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति ने अपने कार्यकाल के विस्तार से पहले दिल्ली में 27 बैठकें की है। इन बैठकों में कई हितधारकों और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के साथ चर्चा हुई है।

    वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित 1995 के वक्फ अधिनियम की कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए लंबे समय से आलोचना की जाती रही है।

    क्यों लाया गया वक्फ संशोधन विधेयक?

    वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को पेश करके इन चुनौतियों का समाधान करना है। जेपीसी कानून में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है।

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