क्या राहुल गांधी को बोलने से रोका गया? लोकसभा की अध्यक्षता कर रहे सांसद ने बता दी पूरी सच्चाई
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने कई मुद्दों पर हंगामा किया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हे ...और पढ़ें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Monsoon Session:संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई। हालांकि, संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर समेत कई मुद्दों को लेकर हंगामा किया।
दरअसल, लोकसभा की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने जोरदार हंमागा किया। इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सदन में नहीं बोलने दिया जाता है। राहुल गांधी के आरोपों को भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने खारिज किया है, इसके साथ ही उन्होंने नेता विपक्ष पर निशाना भी साधा।
क्या राहुल गांधी को नहीं बोलने दिया जाता?
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार किया। बीजेपी सांसद ने कहा कि मैं उस समय सदन में था और सदन की अध्यक्षता कर रहा था और खड़े होकर मैंने राहुल गांधी से कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं, आपकी पार्टी के सांसद वेल में हैं और नारे लगा रहे हैं, आज मानसून सत्र का पहला दिन है। प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष ने कहा कि हर सवाल का जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार जवाब देने के लिए तैयार है।
आगे उन्होंने कहा कि शून्यकाल से पहले संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आज बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक है, अगर विपक्ष कोई मुद्दा उठाना चाहता है तो सरकार उसका जवाब देगी। जब सत्ता पक्ष विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है, मैंने विपक्ष के नेता से कहा कि आप अपने सांसदों को अपनी सीटों पर बैठने के लिए कहें, मैं उन्हें मौका देता।
क्या बोले थे राहुल गांधी?
संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि हाउस में रक्षा मंत्री को बोलने देते हैं, उनके लोगों को बोलने देते है, मगर विपक्ष का कोई कुछ कहना चहता है कि उसको बोलने की अनुमति नहीं देते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष हूं, मेरा हक है कि मुझे तो बोलने ही नहीं देते। उन्होंने आगे कहा कि ये एक नया अप्रोच है, नियम यह कहता है कि अगर सरकार के लोग कुछ बोले तो हमें भी स्पेस मिलना चाहिए। दो शब्द कहना चाहते थे, मगर विपक्ष को इसकी अनुमति नहीं दी गई। (इनपुट एएनआई के साथ)

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