Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शरद पवार के यू टर्न से भतीजे अजित की उम्मीदों को लगा झटका, क्या है NCP चीफ का 'पावर' गेम?

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sat, 06 May 2023 09:56 AM (IST)

    शरद पवार ने एनसीपी प्रमुख का पद छोड़ने का अपना फैसला शुक्रवार को वापस ले लिया। उनके इस कदम से भतीजे अजीत पवार की उम्मीदों को झटका लगा है। केवल वही एक ऐसा नेता थे जिन्होंने पवार के इस्तीफे को स्वीकार कर लेने की बात कही थी।

    Hero Image
    Sharad Pawar के यू-टर्न से भतीजे अजित को लगा झटका

    नई दिल्ली, जागरण डेस्क। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में उठा नेतृत्व का संकट शुक्रवार को खत्म हो गया। शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। अब वे ही एनसीपी की कमान संभालेंगे। उनके इस कदम को भतीजे अजित पवार के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, अजित ही केवल एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पवार के इस्तीफे को स्वीकार कर लेना चाहिए। इसके पीछे उन्होंने उनके उम्र और स्वास्थ्य का हवाला दिया था।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पवार ने दो मई को एनसीपी प्रमुख का पद छोड़ने का किया था एलान

    शुक्रवार को एनसीपी कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसमें शरद पवार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की गई थी, जिसके बाद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। उन्होंने कहा, ''मैं एनसीपी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता। इसलिए मैं अपना इस्तीफा वापस लेता हूं।'' पवार ने दो मई को अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर अचानक एनसीपी प्रमुख का पद छोड़ने का एलान कर दिया था, जिसके बाद से नेता और कार्यकर्ता लगातार उनसे पद पर बने रहने का आग्रह कर रहे थे।

    अजित को भाजपा ने दिया सीएम पद का आफर 

    दरअसल, कुछ हफ्ते पहले प्रवर्तन निदेशालय के अजित पवार को क्लीन चिट देने के बाद यह कहा जाने लगा कि वे कुछ एनसीपी विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्हें भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री बनने का आफर भी दिया गया है। शरद पवार से भी पार्टी के कुछ नेताओं ने भाजपा का समर्थन करने की बात कही थी, लेकिन पवार ने स्पष्ट कह दिया कि हम भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।

    पवार के इमोशनल कार्ड ने भाजपा के मंसूबों पर फेरा पानी

    कहा जाता है कि शिवसेना को तोड़ने के बाद भाजपा की नजरें एनसीपी को तोड़ने पर थी, लेकिन शरद पवार के इमोशनल कार्ड ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। एनसीपी कार्यकर्ताओं की सहानुभूति अभी भी पवार के साथ है।