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    'शरद पवार हमारे नेता और मार्गदर्शक हैं', निशाना साधने के बाद संजय राउत ने क्यों बदला सुर?

    महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने के लिए राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दिग्गज नेता की तुलना मराठा जनरल महादजी शिंदे से की। उन्होंने एक समारोह में कहा कि शरद पवार हमारे प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। वह हमारे दुश्मन भी नहीं हैं। वह हमारे मार्गदर्शक हैं।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 21 Feb 2025 10:46 AM (IST)
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    संजय राउत और शरद पवार। ( फाइल फोटो

    पीटीआई, नई दिल्ली। कुछ दिन पहले शरद पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया था। मगर उनकी यह पहल शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत को नागवार गुजरी थी।

    उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शपा) के अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधा था। मगर अब संजय राउत के सुर बदले-बदले दिख रहे हैं। अब राउत ने शरद पवार की तुलना मराठा सेनापति महादजी शिंदे से की। महादजी शिंदे ने 18वीं शताब्दी में दिल्ली पर जीत हासिल की थी।

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    शरद पवार हमारे दुश्मन नहीं

    नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में शरद पवार के साथ मंच साझा करते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राकांपा (शपा) प्रमुख की जमकर तारीफ की। राउत ने कहा कि शरद पवार हमारे विरोधी नहीं हैं और कभी दुश्मन भी नहीं रहे। वह हमारे मार्गदर्शक और नेता हैं। वह हमारे महादजी शिंदे हैं।

    दिल्ली में किंगमेकर थे मराठा सेनापति

    राउत ने कहा कि मराठा साम्राज्य के सेनापति दिल्ली में किंगमेकर थे और उन्होंने दो बार जीत हासिल करने के बाद यहां शासकों की नियुक्ति की। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई इंसान स्थायी रूप से दिल्ली में बसने के इरादे से आता है तो वह ऐसा नहीं कर पाता है।

    दिल्ली में शासन करने वालों को लौटना होगा

    संजय राउत ने कहा कि दिल्ली परिवर्तन का शहर है। बाहरी लोग यहां आते हैं, शासन करते हैं और वापस चले जाते हैं। जो लोग आज दिल्ली पर शासन कर रहे हैं, उन्हें भी वापस लौटना होगा। कुछ लोग राजस्थान लौट गए हैं, कुछ महाराष्ट्र और कुछ गुजरात लौट जाएंगे।

    पवार ने याद की अपनी पहली यात्रा

    शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद ने कहा कि दिल्ली में विश्वासघात और साजिश जीवन का अभिन्न अंग है। पवार ने 1962-63 में कांग्रेस की बैठक के लिए दिल्ली की अपनी पहली यात्रा को याद किया और बताया कि कैसे वह और पार्टी के कुछ साथी पहली बार जवाहर लाल नेहरू को देखकर अचंभित रह गए थे।

    शिंदे ने की थी बगावत

    पिछले महीने पुणे के एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा स्थापित महादजी शिंदे पुरस्कार से शरद पवार ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया था। मगर शिंदे को सम्मानित करने पर उद्धव ठाकरे की पार्टी भड़क उठी थी। दरअसल, 2022 में शिंदे ने उद्धव ठाकरे की पार्टी से बगावत कर भाजपा के सहयोग से महाराष्ट्र में अपनी सरकार बना ली थी।

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