Rajiv Gandhi 75th Birth Anniversary: पीएम मोदी और सोनिया समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
Rajiv Gandhi 75th Birth Anniversary पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर पीएम मोदी पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
नई दिल्ली, एएनआइ। Rajiv Gandhi 75th Birth Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्में राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के पीएम बने थे। वे अक्टूबर 1984 से 1989 दिसंबर तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इस मौके पर उन्हें पूरा देश याद कर रहा है। पीएम मोदी ने उन्हें ट्वीट करके श्रद्धांजलि दी । पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।'
— ANI (@ANI) August 20, 2019
वहीं दिल्ली स्थित उनकी समाधिस्थल वीर भूमि पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बेटे राहुल गांधी, बेटी प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा ने भी उनको श्रद्धांजलि दी।
इसके अलावा उनकी समाधिस्थल पर गुलाम नबी अजाद, भूपिंदर हुड्डा और अहमद पटेल समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने भी पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
40 साल की उम्र में बने पीएम
राजीव गांधी देश के छठवें और सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। वे महज 40 साल की उम्र में देश के प्रधानमंत्री बन गए थे। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे।
राजनीति में नहीं थी दिलचस्पी
राजीव गांधी की राजनीति में आने की दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन इंदिरा गांधी की मौत के बाद हालात ऐसे बने कि उन्हें राजनीति में आना पड़ा। आपातकाल के बाद जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव परिवार संग विदेश शिफ्ट हो गए थे, लेकिन 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की मौत के बाद हालात बदल गए। राजीव गांधी को वापस लौटना पड़ा और अपनी मां इंदिरा को सहयोग देने के लिए उन्हें 1982 में राजनीति में उतरना पड़ा। संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में मौत हो गई थी। बता दें कि राजीव गांधी राजनीति में आने से पहले एक एयरलाइन में पाइलट की नौकरी करते थे।
अमेठी से चुनाव जीतकर बने सांसद
राजीव गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने थे। 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की पूरी जिम्मेदारी राजीव गांधी के कंधों पर डाल दी। इसके बाद 21 मई, 1991 को चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में उनकी हत्या कर दी गई थी।
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