Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Rajiv Gandhi Birth Anniversary: पढ़ें- राजीव गांधी के जीवन से जुड़ी दिलचस्‍प बातें

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Tue, 20 Aug 2019 12:35 PM (IST)

    राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। राजीव गांधी जवाहर लाल नेहरू के प्रपौत्र और फिरोज गांधी व देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र थे।

    Rajiv Gandhi Birth Anniversary: पढ़ें- राजीव गांधी के जीवन से जुड़ी दिलचस्‍प बातें

    नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। राजीव गांधी सौम्य व्यक्तित्व वाले थे जो पार्टी के अन्य नेताओं से विचार-विमर्श करते थे और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेते थे। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां की हत्या के बाद राजीव को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और उन्हें कुछ दिन बाद कांग्रेस पार्टी का नेता चुन लिया गया। दिसंबर, 1984 के आम चुनाव में उन्होंने पार्टी की जबरदस्त जीत का नेतृत्व किया और उनके प्रशासन ने सरकारी नौकरशाही में सुधार लाने तथा देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए जोरदार कदम उठाए। उन्हें देश में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति का जनक कहा जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्में राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के पीएम बने थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे मिले राजीव-सोनिया
    इटली के मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली एल्बिना माइनो उर्फ सोनिया गांधी ने कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें भारत के प्रभावशाली गांधी परिवार के चिराग से प्यार हो जाएगा और उनकी जिंदगी बदल जाएगी। बात है 1965 की। जब एल्बिना इंग्लिश की पढ़ाई पूरी करने के लिए कैंब्रिज गईं थीं, लेकिन घर की नाजुक स्थिति की वजह से वह एक रेस्तरां में पार्ट टाईम काम करती थीं, वहीं उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। मुलाकात कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। और शुरू हो गया प्यार का सिलसिला। राजीव की आंखों ने सोनिया को उनका कायल बना दिया। पहली नजर में प्यार की कहानियों के बारे में हमने खूब सुना है, लेकिन इन दोनों के प्यार के किस्से ने ये साबित भी कर दिया। दोनों एक दूसरे के प्यार में घिर गए।

    संजय बाद राजनीति में आए राजीव 
    जब तक भाई संजय गांधी जीवित थे, राजीव गांधी राजनीति से बाहर ही रहे, लेकिन एक शक्तिशाली राजनीति व्यक्तित्व के धनी संजय गांधी की 23 जून, 1980 को एक वायुयान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजीव को राजनीतिक जीवन में ले आई। जून 1981 में वह लोकसभा उपचुनाव में निर्वाचित हुए और इसी महीने युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन गए।

    श्रीलंका में राजीव गांधी पर हमला
    वर्ष 1987 में भी श्रीलंका में राजीव गांधी पर हमला किया गया था। यह हमला श्रीलंकाई नौसेना के जवान विजीता रोहाना विजेमुनी ने राइफल की बट से उस वक्‍त किया था जब श्रीलंका में शांति सेना भेजने के बाद राजीव गांधी वहां के दौरे पर गए थे। इस दौरान गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के दौरान राजीव गांधी सैनिकों के काफी करीब पहुंच गए थे, तभी उसने यह हमला किया। हालांकि राजीव गांधी के सुरक्षाकर्मी की सजगता से वह इस हमले में बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर उसका कोर्ट मार्शल किया गया।

    जब दिया इस्‍तीफा 
    1989 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के नेता पद पर बने रहे। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में भारतीय सेना द्वारा बोफोर्स तोप की खरीदारी में लिए गए लिए गए कमीशन का मुद्दा उछला, जिसका मुख्य पात्र इटली का एक नागरिक ओटावियो क्वात्रोच्चि था। अगले चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और राजीव को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा। अगले चुनावों में कांग्रेस के जीतने और राजीव गांधी के पुन: प्रधानमंत्री बनने की संभावना बहुत कम थी। 21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

    राजीव की हत्‍या की टीस 
    राजीव गांधी का हत्यारा प्रभाकरण ने अपनी मौत से पहले जो जख्म देश को दिया उसकी टीस आज तक है। राजीव गांधी जनता से जुड़ रहे थे। राजीव के पास जाने उनसे मिलने को लेकर कोई बंदिश नहीं थी। कई बार तो राजीव को जनता ऐसे हाथों हाथ लेती जिसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती। लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण और उसकी टीम ने इसी का गलत फायदा उठाते हुए खौफनाक साजिश तैयार कर राजीव गांधी की हत्या कर दी।

    लिट्टे के निशाने पर राजीव 
    राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल में श्रीलंका में शांति प्रयासों के लिए भारतीय सैन्य टुकड़ियों को भी वहां भेजा, लेकिन इसके नतीजे में वे खुद लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ऐलम [लिट्टे] के निशाने पर आ गए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में उन्हें उस वक्त बम से उड़ा दिया गया था जब वो एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे। 21 मई 1991 को रात तकरीबन 10 बजकर 10 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंचे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे और उन्होंने उतरते ही सबका अभिवादन किया।

    राजीव ने ही दी थी हमलावर को पास आने की इजाजत 
    मंच की ओर बढ़ते हुए एक महिला आत्मघाती हमलावर धनु ने उन्हें माला पहनानी चाही, तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया। हालांकि राजीव गांधी के कहने पर उसे माला पहनाने के लिए आने दिया गया। धनु ने उन्हें माला पहनाई और जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकी, उसने अपने कमर से बंधे बम का बटन दबा दिया। एक जोरदार धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया। इस धमाके ने राजीव गांधी की जान ले ली। राजीव गांधी का हत्यारा प्रभाकरण ने अपनी मौत से पहले जो जख्म देश को दिया उसकी टीस आज तक है। राजीव गांधी जनता से जुड़ रहे थे। कई बार तो राजीव को जनता ऐसे हाथों हाथ लेती जिसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती। 15 मार्च 2009 को श्रीलंकाई सेना ने मल्लैतिवु के वानी क्षेत्र में लिट्टे के अंतिम गढ़ पर जोरदार हमला कर प्रभाकरण को मार गिराया था।

    एक नजर इधर भी
    राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुआ था। राजीव गांधी जवाहर लाल नेहरू के प्रपौत्र और फिरोज गांधी व देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र थे। राजीव गांधी कांग्रेस पार्टी के अग्रणी महासचिव [1981 से] थे, और अपनी मां की हत्या हो जाने के बाद देश के प्रधानमंत्री [1984-1989] बने। राजीव गांधी का विवाह सोनिया गांधी के साथ हुआ था। राजीव गांधी की दो संतानें पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी हैं। राजीव गांधी तथा उनके छोटे भाई संजय गांधी [1946-1980] की शिक्षा-दीक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल में हुई थी। इसके बाद राजीव गांधी ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में दाखिला लिया तथा केंब्रिज विश्वविद्यालय [1965] से इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा किया। स्वदेश लौटने पर उन्होंने व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया और 1968 से इंडियन एयरलाइंस में काम करने लगे। 21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

    यह भी पढ़ें: Rajiv Gandhi 75th Birth Anniversary: पीएम मोदी और सोनिया समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
    राजीव गांधी की 75वीं जयंती से पूर्व राहुल ने गिनाई पिता की उपलब्धियां, शेयर की VIDEO

    comedy show banner
    comedy show banner