Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Rajasthan Crisis: पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट, 3 मंत्रियों पर कार्रवाई की सिफारिश, गहलोत को लेकर कही यह बात

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 08:10 PM (IST)

    विधायक दल की बैठक नहीं होने से नाराज होकर वापस दिल्ली लौटे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रदेश के हालात के तथ्यात्मक जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि गहलोत धारीवाल जोशी एवं प्रताप सिंह खाचरियावास की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

    Hero Image
    पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंतरित अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को 9 पन्‍नों की रिपोर्ट सौंप दी है।

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्‍थान कांग्रेस में घमासान के बाद पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंतरित अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को 9 पन्‍नों की रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत को क्‍लीनचिट दी गई हे। वहीं विधायकों की अलग बैठक बुलाने पर शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इस बीच सचिन पायलट दिल्‍ली पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि उनकी मुलाकात सोनिया गांधी के साथ होगी। वहीं सोनिया गांधी केरल के वरिष्‍ठ नेता एके एंटोनी को दिल्‍ली बुलाया है। इस बीच पिछले दिनों के घटनाक्रम के बाद अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की। उसके बाद उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने कभी भी कांग्रेस आलाकमान को चुनौती नहीं दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तीनों मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश

    सूत्रों के अनुसार विधायक दल की बैठक नहीं होने से नाराज होकर वापस दिल्ली लौटे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रदेश के हालात के तथ्यात्मक जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि गहलोत, धारीवाल, जोशी एवं प्रताप सिंह खाचरियावास की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। तीनों मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

    समानांतर बैठक बुलाकर आलाकमान को चुनौती

    पर्यवेक्षकों ने कहा कि सीएम की मर्जी से विधायक दल की बैठक का दिन और समय तय किया गया था। इसके बावजूद अशोक गहलोत जैसलमेर चले गए और पीछे से उनके विश्वस्त जोशी ने विधायकों को धारीवाल के आवास पर बुलाया। विधायक दल की तय बैठक के समानांतर धारीवाल के आवास पर बैठक की गई, जो आलाकमान को सीधी चुनौती और अनुशासन तोड़कर पार्टी की छवि खराब करने वाला है। तीनों मंत्रियों ने पर्यवेक्षकों पर एक-एक विधायक से राय नहीं लेने को लेकर दबाव बनाया।

    ये चाहते थे कि समूह में मिला जाए। इसके साथ ही 19 अक्टूबर तक नए सीएम पर राय नहीं ली जाए और गहलोत की पसंद का ही सीएम हो। सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया जाए। तीनों मंत्रियो ने प्रस्ताव में इन बातों को लिखने का दबाव बनाया, जबकि अब तक कांग्रेस में एक लाइन का ही प्रस्ताव पारित करने की परंपरा रही है। विधायकों के इस्तीफों से पार्टी की छवि खराब हुई है।

    शांति धारीवाल बोले, गहलोत को हटाने के षडयंत्र में माकन शामिल थे

    उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत के विश्वस्त और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर स्थित अपने आवास पर आरोप लगाया कि अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने का षडयंत्र था, जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन शामिल थे। उन्होंने कहा कि माकन दिल्ली से सचिन पायलट को सीएम बनाने का एजेंडा लेकर आए थे। जिसके हमारे पास सबूत हैं। उन्होंने कहा कि माकन का एजेंडा पायलट को सीएम बनाना था, इसलिए विधायक नाराज हो गए ।

    इसे भी पढ़ें: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों के लिए लिया गया यह फैसला

    इसे भी पढ़ें: Chhattisgarh Politics: जिस नसबंदी मामले के विरोध में राहुल गांधी ने की थी पदयात्रा, उसके आरोपित को उनकी ही सरकार में हुए दोषमुक्त