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Rafale Deal: PM को घेरने के फेर में फंसे राहुल, सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने सिखाया गणित

राफेल, दुश्मन पर कितना प्रभावशाली होगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन ये अभी भारतीय राजनीति में पक्ष-विपक्ष पर जमकर गोले दाग रहा है। अब अपने ही दांव में फंसे राहुल गांधी।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 05:25 PM (IST)
Rafale Deal: PM को घेरने के फेर में फंसे राहुल, सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने सिखाया गणित
Rafale Deal: PM को घेरने के फेर में फंसे राहुल, सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने सिखाया गणित

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। राफेल डील को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां भले ही सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है, लेकिन इसका शिकार राहुल गांधी खुद हो जा रहे हैं। मामला चाहे बुधवार को राफेल मामले में संसद में ऑडियो क्लिप चलाने की अनुमति मांगने का हो या फिर राहुल द्वारा ट्वीटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने का है। दोनों मामलों में सोशल मीडिया पर उनकी जमकर टांग खिंचाई हो रही है। प्रधानमंत्री से सवाल पूछने वाले उनके ट्वीट पर बहुत से ट्रोलर्स ने उन्हें गणित भी सिखाने का प्रयास किया है। कुछ देर बाद राहुल गांधी को भी अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने उसे जैसे ही सुधारने का प्रयास किया, ट्रोलर्स को एक बार फिर उन पर हमला करने का मौका मिल गया।

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राहुल ने ट्वीटर पर पीएम से चार सवाल पूछे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील मामले में प्रधानमंत्री और सरकार पर हमला करते हुए बुधवार को एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में राहुल गांधी ने पीएम से चार सवाल पूछे थे। हालांकि इसमें तीसरा सवाल शामिल ही नहीं था। राहुल ने सवाल नंबर एक व दो के बाद सीधे सवाल नंबर चार पूछ लिया था। इसके साथ राहुल गांधी ने कमेंट किया था कि कल (बृहस्पतिवार को) संसद में प्रधानमंत्री का राफेल डील पर ओपन बुक एग्जाम होगा। एग्जाम में आने वाले सवाल यहां एडवांस में दिए जा रहे हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने सवाल नंबर एक, दो व चार पूछा। फिर ट्वीट के अंत में कमेंट किया कि क्या प्रधानमंत्री इन सवालों का जवाब खुद देंगे या प्रॉक्सी (छद्म व्यक्ति) को भेजेंगे?

इन सवालों पर ट्रोल हुए राहुल गांधी
सवाल-एकः एयरफोर्स को जब 126 की जरूरत थी तो फिर 36 एयरक्रॉफ्ट ही क्यों खरीदे?
सवाल-दोः एक एयरक्रॉफ्ट खरीदने के लिए 560 करोड़ रुपये की जगह 1600 करोड़ रुपये का खर्च क्यों?
सवाल-चारः HAL की जगह AA (अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड) को क्यों चुना?
सवालों के इस क्रम में राहुल ने तीसरा सवाल छोड़ दिया। इस पर उनके ट्वीट के जवाब में लोगों ने जमकर भड़ास निकाली। ट्रोलर्स ने राहुल गांधी को न केवल गणित सिखाई, बल्कि दोनों यूपीए व एनडीए के दौरान खरीदे जाने वाले राफेल के अंतर को समझाने के लिए दो पिज्जा की फोटो भी पोस्ट की।

राहुल ने ऐसे किया बचाव
सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के कुछ घंटे बाद राहुल गांधी ने तीसरा सवाल ट्वीट किया। साथ ही उन्होंने अपने बचाव में लिखा कि उन्होंने तीसरा सवाल जानबूझकर छोड़ दिया था, क्योंकि संसद में मैडम स्पीकर ने गोवा टेप के बारे में बात करने से मना कर दिया था। लोगों की भारी मांग पर वह तीसरा सवाल पोस्ट कर रहे हैं, क्योंकि ये सवाल भी राफेल जितना ही विवादित हो गया है। चौथे सवाल में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि मोदी जी प्लीज, हमें बताइये कि पर्रिकर जी ने राफेल डील से जुड़ी फाइल अपने बेडरूम में क्यों रखी थी और इसमें क्या है?

रक्षा मंत्री ने इस तरह दिया जवाब
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पहले भी कई बार राफेल पर सरकार का पक्ष रख चुकी हैं। बुधवार को राहुल गांधी द्वारा राफेल मामले में किए गए ट्वीट पर भी उन्होंने तंज कसते हुए जवाब दिया। रक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘एक छात्र जो कक्षा में असफल होता है और बाहर से चुनौती देता है’।

संसद में रिकॉर्डिंग पर भी फंस गए थे राहुल गांधी
ट्वीटर के जरिए सरकार पर हमला करने से पहले बुधवार को राहुल गांधी संसद में भी राफेल मुद्दे पर अपने ही दांव में फंस चुके थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए अपनी जेब से मोबाइल फोन निकाला और स्पीकर से एक ऑडियो चलाने की अनुमति मांगी। इससे कुछ देर पहले ही कांग्रेस ने मीडिया को ऑडियो रिकॉर्डिंग दी थी। साथ ही दावा किया गया था कि ये रिकॉर्डिंग गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की है, जिसमें वो राफेल डील पर बात कर रहे हैं। राहुल गांधी ने लोकसभा में ये दावा करते हुए ऑडियो चलाने की अनुमति मांगी। इस पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उनसे कहा कि अगर वह टेप की विश्वसनीयता की लिखित में जिम्मेदारी लेते हैं तो वह रिकॉर्डिंग चला सकते हैं। राहुल इस पर तैयार नहीं हुए।

इसके बाद राहुल गांधी ने ऑडियो रिकॉर्डिंग का ट्रांसक्रिप्ट पढ़ कर सुनाने की अनुमति मांगी। इस पर सुमित्रा महाजन ने बिना लिखित जिम्मेदारी लिए अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसके बाद अरुण जेटली ने तुरंत राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह इस ऑडियो की पुष्टि इसलिए नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है कि ये फर्जी है। अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर पिछले भाषण में जो दावे किए थे, उन्हें फ्रांस सरकार आधिकारिक रूप से नकार चुकी है। इससे साबित होता है कि राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं। इस लेकर भी सोशल मीडिया पर लोगों ने राहुल की जमकर खिंचाई की।

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