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    सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर प्रहार बता विपक्षी दलों ने किया देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, शरद पवार सहित इन नेताओं ने कही बड़ी बात

    आईएनडीआईए ने संसद के शीत सत्र के दौरान विपक्ष के 146 सांसदों के निलंबन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर लोकतंत्र और संविधान को कुचलने का आरोप लगाते हुए जनता से लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।

    By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 22 Dec 2023 08:03 PM (IST)
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    विपक्षी दलों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन (फोटो: एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आईएनडीआईए गठबंधन ने संसद के शीत सत्र के दौरान विपक्ष के 146 सांसदों के निलंबन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर लोकतंत्र और संविधान को कुचलने का आरोप लगाते हुए जनता से लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की।

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    देश की राजधानी में जंतर-मंतर पर विपक्षी गठबंधन के पहले देशव्यापी संयुक्त विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आईएनडीआईए के सभी दल इसलिए एकत्रित हुए हैं कि भाजपा के शासन में लोकतंत्र खतरे में है और प्रधानमंत्री मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह ने लोकतंत्र और संविधान को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी ली है।

    NCP प्रमुख शरद पवार ने क्या कुछ कहा?

    एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से सदन में अपनी जाति का मुद्दा उठाने को लेकर खरगे ने उन पर निशाना साधते हुए उन्हें संवैधानिक मर्यादा में रहने की परोक्ष नसीहत दी।

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    विरोध प्रदर्शन में कौन-कौन हुए शामिल

    शुक्रवार को जंतर-मंतर पर हुए आईएनडीआईए के संयुक्त विरोध प्रदर्शन के दौरान खरगे और पवार के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, माकपा नेता सीताराम येचुरी समेत वामंपथी दलों, एनसीपी, सपा, झामुमो, तृणमूल कांग्रेस, राजद समेत कई अन्य दलों के नेताओं ने मंच साझा किया।इस दौरान अपने संबोधन में खरगे ने कहा,

    भाजपा सरकार ने देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का बीड़ा उठाया है और ये लोग दलितों, आदिवासियों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों को कुचलने का काम कर रहे हैं। इसलिए हमने देश को बचाने के लिए आईएनडीआईए गठबंधन बनाया है।

    नकल विवाद को जाति का रंग देने पर सभापति धनखड़ को बिना नाम लिए आड़े हाथों लेते हुए खरगे ने कहा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे लोग कहते हैं कि मैं इस जाति का आदमी हूं, इसलिए मुझे अपमानित कर रहे हैं, जबकि खुद उन्हें सदन में बोलना तो दूर नोटिस तक नहीं पढ़ने दिया जाता। ऐसे में क्या मैं ये कहूं कि मोदी सरकार दलित को बोलने भी नहीं देती।

    खरगे ने कहा कि संविधान में हमें बोलने की आजादी गांधी, नेहरू और अंबेडकर ने दी है जिसे कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने विपक्षी सांसदों को संसद से बाहर निकाले बिना चर्चा-विरोध के कानूनों को पारित कराने को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।

    '60 फीसद भारतीयों की आवाज कर दी गई बंद'

    कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक मामले में गृह मंत्री शाह से जवाब मांगने के लिए 146 विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर 60 फीसद भारतीयों की आवाज बंद कर दी गई। भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा,

    जो लोग खुद को 'देशभक्त' कहते हैं वे डिब्बे से धुआं निकलते ही भाग जाते हैं।

    उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि वे लोग संसद में कैसे ऐसी वस्तुएं लेकर दाखिल हुए और वे तो कुछ और भी ला सकते थे। राहुल ने कहा कि सवाल यह है कि उन्होंने विरोध क्यों किया और इसका कारण बेरोजगारी है। देश में जबरदस्त बेरोजगारी है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में युवा साढ़े सात घंटे भारत में सेलफोन पर बैठा है, क्योंकि उसके पास कोई नौकरी-रोजगार नहीं है।

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    राहुल ने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि मीडिया ने सवाल नहीं उठाया कि 150 सांसदों को संसद से बाहर क्यों निकाला गया। लेकिन उनके वीडियो बनाने पर सवाल खड़ा किया गया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई नफरत बनाम प्यार के बीच है और भाजपा जितना अधिक नफरत फैलाएगी आईएनडीआईए गठबंधन भाईचारा और एकता फैलाएगा।

    'आत्महत्या की राह पर जा रहे किसान'

    शरद पवार ने कहा कि आज देश में किसान आत्महत्या की राह पर जा रहे हैं, फैक्टि्रयों में काम करने वाले युवाओं को उचित मजदूरी तक नहीं मिल रही है। इसलिए हमें जिम्मेदारी लेनी होगी और लोकतंत्र पर हमला करने वाली ताकतों को हटाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

    पवार ने कहा कि देश में लोकतंत्र बचाने के लिए जो भी कीमत देनी पड़ेगी हम देने को तैयार हैं। राजद के मनोझ झा, सीताराम येचुरी, द्रमुक के त्रिची शिवा समेत अन्य नेताओं ने भी इस दौरान सांसदों के निलंबन का विरोध करते हुए सरकार पर तीखे हमले किए।