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    'बहुत निकम्मी चीज है...', नितिन गडकरी ने क्यों दिया ऐसा बयान; कहा- सबको फोकट का चाहिए

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 05:14 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार को निकम्मी बताते हुए एक विवादास्पद बयान दिया है। नागपुर में स्टेडियम बनवाने की अपनी इच्छा को लेकर सरकारी रवैये से निराश होकर उन्होंने कहा कि सरकार कॉर्पोरेशन के भरोसे कोई काम नहीं करती और चलती गाड़ी को पंक्चर करने में माहिर है। गडकरी ने फ्रीबीज पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे मुफ्त में कुछ नहीं देते।

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    नितिन गडकरी का बड़ा बयान आया सामने (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीति और सरकार को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर लोग सोचने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे 4 साल के अनुभव के बाद मुझे ये समझ आया कि सरकार बहुत निकम्मी चीज है।

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    नितिन गडकरी ने कहा कि कॉर्पोरेशन के भरोसे कोई काम नहीं होता है। चलती गाड़ी को पंक्चर करने में ये माहिर होते हैं। दरअसल, उन्होंने नागपुर में स्टेडियम बनवाने की चाहत को लेकर जो रवैया देखा, उन्हीं अनुभवों के आधार पर उन्होंने ऐसा बयान दिया है।

    फ्रीबीज पर भी निशाना साधा

    नितिन गडकरी अपनी बेबाकी बयानों के लिए जाने जाते हैं और इसी कड़ी में उन्होंने नागपुर में एक कार्यक्रम में फ्रीबीज यानी 'मुफ्त की योजनाओं' पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "सबको फोकट का कुछ चाहिए। मैं नहीं देता फोकट में कुछ।"

    दरअसल, नितिन गडकरी नागपुर में स्टेडियम बनवाना चाहते हैं, लेकिन सरकारी सुस्ती के चलते उन्होंने अपनी निराशा और भड़ास निकाली। गडकरी ने कहा, "मैं नागपुर में खेलों के लिए 300 स्टेडियम बनाना चाहता हूं, लेकिन अपने चार साल के करियर में मैंने महसूस किया है कि सरकार निकम्मी होती है।"

    गडकरी ने सुनाया किस्सा

    उन्होंने कहा कि ये NIT, निगम वगैरह के भरोसे कोई काम नहीं होता है। उन्हें चलती गाड़ी को पंक्चर कर देने में महारत होती है। इस दौरान उन्होंने एक किस्सा भी सुनाया।

    केंद्रीय मंत्री ने बताया, "दुबई से एक व्यक्ति मेरे पास आया और बोला कि मैं दुबई में एक खेल स्टेडियम चलाता हूं। मैंने पूछा कि इसे कैसे चलाएंगे, तो उन्होंने कहा मैं 15 साल का टेंडर दूंगा। हम लाइट, पानी की व्यवस्था, कपड़े बदलने की व्यवस्था करेंगे और फिर वो मेंटेनेंस करेंगे और जो बच्चा खेलने आएगा उससे 500 या एक हजार रुपये फीस लेंगे।"

    'मुफ्त में नहीं देता कुछ भी'

    गडकरी ने कहा कि किसी को फोकट में कुछ नहीं देना चाहिए। मैं राजनीति में हूं, यहां सबकुछ मुफ्त है। ऐसी सोच ही है कि मुझे सब कुछ मुफ्त चाहिए, लेकिन मैं मुफ्त में नहीं देता।

    इनपुट- आईएएनएस।

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