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    Lok Sabha Election: जल्द लोकसभा चुनाव की आहट, I.N.D.I.A. देगा तैयारियों को रफ्तार; ठोस रोडमैप पर बढ़ेगा विपक्ष

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 01 Sep 2023 05:00 AM (IST)

    कुछ विपक्षी नेताओं ने तो भाजपा-राजग के दांव से निपटने के लिए आइएनडीआइए का चुनाव घोषणा पत्र नवरात्र के आस-पास जारी करने का सुझाव दिया। वहीं तमाम नेताओं ने लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के तालमेल को भी अब गति देने की हिमायत की। शुक्रवार को दूसरे दिन की बैठक के दौरान आइएनडीआइ की समन्वय समिति के गठन को अंजाम देने पर सहमति के संकेत हैं।

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    विपक्षी नेताओं ने लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के तालमेल को भी अब गति देने की हिमायत की।(फोटो सोर्स: जागरण)

    संजय मिश्र, मुंबई। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चुनाव जल्द कराने की आशंकाओं को देखते हुए अगले लोकसभा चुनाव की लड़ाई तैयारी तेज करने का फैसला किया है। विपक्षी दिग्गजों की मुंबई में रात्रिभोज के साथ शुरू हुई तीसरी बैठक के पहले ही दिन सरकार ने अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाने का एलान कर दिया।

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    सरकार के इस कदम को चुनावी चाल का एक हिस्सा मान रहे आइएनडीआइए ने तय किया है कि अब संयुक्त राजनीतिक रैलियों और आंदोलन के साथ विपक्ष की तैयारियों को रफ्तार दी जाएगी।

    जल्द गठन की जा सकती है आइएनडीआइ की समन्वय समिति

    कुछ विपक्षी नेताओं ने तो भाजपा-राजग के दांव से निपटने के लिए आइएनडीआइए का चुनाव घोषणा पत्र नवरात्र के आस-पास जारी करने का सुझाव दिया। वहीं, तमाम नेताओं ने लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के तालमेल को भी अब गति देने की हिमायत की।

    शुक्रवार को दूसरे दिन की बैठक के दौरान आइएनडीआइ की समन्वय समिति के गठन को अंजाम देने पर सहमति के संकेत हैं। दूसरे दिन की बैठक में राजनीतिक कार्यक्रमों, एजेंडे से लेकर मीडिया समेत चार अलग-अलग उप समूहों के गठन पर भी फैसला होगा।

    अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर सरकार घबराई हुई: विपक्ष

    आइएनडीआइए के शीर्षस्थ नेताओं की उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित रात्रिभोज से पहले शाम को हुई बैठक में संसद का विशेष सत्र बुलाने के सरकार के राजनीतिक दांव पर काफी गहन बातचीत हुई।

    बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि अधिकांश विपक्षी नेता इस बात पर एकमत थे कि महंगाई-बेरोजगारी की गंभीर स्थिति के साथ अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर सरकार घबराई हुई है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के साथ तेलंगाना के चुनाव में भाजपा की चुनौतियां गहराती नजर आ रही हैं, इसीलिए अगले लोकसभा चुनाव को जल्द कराने का दांव चलने का प्रयास सरकार की ओर से हो सकता है।

    कई नेताओं की मांग- दो अक्टूबर तक जारी हो घोषणापत्र

    मानसून सत्र के बाद अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाने से साफ है कि सरकार अपने चुनावी एजेंडे के मुद्दों को लाकर मौजूदा प्रतिकूल नैरेटिव को बदलना चाहती है। ऐसे में विपक्षी दलों को मोदी सरकार के इस दांव को लेकर केवल सतर्क ही नहीं रहना है, बल्कि आइएनडीआइए को भी जमीनी तैयारियों को तेज करना होगा।

    इसके लिए आइएनडीआइए की ओर से संयुक्त रैलियों का सिलसिला जल्द शुरू करने पर भी नेताओं में सहमति बन गई है।सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि आइएनडीआइए को अब वास्तविक राजनीतिक पहल को सिरे चढ़ाने की पहल तेज करनी होगी।

    इस क्रम में उन्होंने कहा कि देश के सामने वैकल्पिक एजेंडा पेश करने के लिए अगले दो अक्टूबर तक आइएनडीआइए का चुनाव घोषणापत्र जारी कर देना चाहिए।

    30 सितंबर तक सीट बंटवारे का फैसला कर लेना चाहिए: केजरीवाल

    समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि केवल बैठक तक ही सीमित न रहा जाए और सीटों के बंटवारे पर ठोस पहल शुरू हो। उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे और गठबंधन को बेहद अहम बताते रामगोपाल ने इसे वास्तविक स्वरूप में जल्द आधार देने पर जोर दिया।

    बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसी तरह की राय जाहिर की और कहा कि आइएनडीआइए को 30 सितंबर तक सीट बंटवारे का फैसला कर लेना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना था कि भाजपा की जमीन तेजी से दरक रही है और इसीलिए केंद्र सरकार सरप्राइज तत्व का दांव खेलने की कोशिश कर रही है।

    आइएनडीआइए के संयोजक को लेकर रात्रिभोज बैठक में चर्चा नहीं हुई

    विपक्षी दलों को न केवल इनके ऐसे दांवों को बेदम करने के लिए तत्पर रहने की जरूरत है, बल्कि आइएनडीआइए को दो कदम आगे की चुनाव तैयारियां करनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि समन्वय समिति के गठन पर नेताओं की बैठक में सहमति बन गई है।

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिनिधियों के लिए सभी दलों से नाम मांगे हैं। जबकि आम चुनाव की तैयारियों के लिए चार उपसमूहों के गठन पर शुक्रवार को एक दौर की और बातचीत होगी जिसमें इस पर अंतिम फैसला होगा। वहीं, आइएनडीआइए के संयोजक को लेकर रात्रिभोज बैठक में चर्चा नहीं हुई, मगर शुक्रवार की बैठक में दिग्गजों के बीच इस पर सीधी बातचीत होगी।

    विपक्षी नेताओं की बैठक में इन नेताओं ने किया शिरकत

    रात्रिभोज पर अनौपचारिक चर्चा के दौरान घटक दलों के शीर्ष नेताओं के बीच आपसी गर्माहट ने वैसे लगभग यह तय कर दिया है कि विपक्ष का यह गठबंधन 2024 के चुनाव में एकजुट लड़ाई के स्पष्ट साझा रोडमैप पर आगे बढ़ेगा। आइएनडीआइए के प्रतीक चिह्न (लोगो) को लेकर गुरुवार को चर्चा नहीं हुई, हालांकि शुक्रवार की बैठक के एजेंडे में यह शामिल है।

    विपक्षी नेताओं की इस बैठक में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, एमके स्टालिन, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती, डी. राजा समेत आइएनडीआइए के सभी दलों के प्रमुख नेता इसमें शामिल हुए।