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    नए 'साथियों' की सिरदर्दी से उबर नहीं पा रही कांग्रेस, I.N.D.I.A में सीट बंटवारे पर खत्म नहीं हो रहा असमंजस का दौर

    Updated: Mon, 12 Feb 2024 11:01 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने की अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है मगर आईएनडीआईए के दलों के बीच सीट बंटवारे पर ऊहापोह और असमंजस का दौर खत्म होता न ...और पढ़ें

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    नए 'साथियों' की सिरदर्दी से उबर नहीं पा रही कांग्रेस।

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने की अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, मगर आईएनडीआईए के दलों के बीच सीट बंटवारे पर ऊहापोह और असमंजस का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा। कांग्रेस के लिए कई क्षेत्रीय दलों के साथ सीट बंटवारे पर सहमति बनाना कितना मुश्किल है इसका अंदाजा तृणमूल कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से अकेले मैदान में उतरने की दिखाई जा रही हनक से मिल रहा है।

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    उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन लगभग तय

     संप्रग के दौर से सहयोगी रही पार्टियों से ही कांग्रेस का चुनावी गठबंधन सहज दिख रहा है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन भी लगभग तय है, क्योंकि वर्तमान सियासी हालात में चुनावी तालमेल कांग्रेस-सपा दोनों की जरूरत है।

    अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?

    खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लुधियाना में रविवार को हुई एक सभा में कहा कि चुनावी तालमेल को लेकर विपक्ष के कुछ दल हमसे सहमत हैं तो कुछ असहमत भी हैं। ऐसे में परिस्थितियां चाहे जो हो कांग्रेस को अपने दम पर भाजपा को चुनौती देने के लिए पूरा जोर लगाना है। पार्टी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

    सीट बंटवारे पर खरगे का यह बेलाग बयान चाहे सहयोगी पार्टियों के लगातार बढ़ते दबाव की राजनीति के मद्देनजर दिया गया हो, मगर वास्तविकता यह भी है कि आइएनडीआइए की छतरी के जरिये कांग्रेस के साथी बने किसी एक दल के साथ उसका चुनावी तालमेल नहीं हो सका है।

    बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा जारी

    बंगाल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी संग सीट बंटवारे की चर्चा जारी रहने के कांग्रेस बार-बार दावे कर रही है, लेकिन दीदी दो-दो बार अकेले मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी हैं। तृणमूल ने कांग्रेस को दो सीटें देने की पेशकश की थी जो पार्टी को अस्वीकार्य थी। उत्तर प्रदेश में सपा ने 11 सीटें देने की एकतरफा घोषणा कर रखी है। इससे कांग्रेस सहमत नहीं है और पार्टी 16 से 20 सीटों पर दावा कर रही है। सपा का रालोद फैक्टर खत्म होने के बाद संभावना है कि इन दोनों पार्टियों में बात बन जाए।

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    उत्तर प्रदेश में जल्द हो सकता है सीटों पर समझौता

    राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के उत्तर प्रदेश चरण के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के शामिल होने के बाद दोनों पार्टियों के बीच सीटों के समझौते का एलान होने की संभावनाएं हैं। आम आदमी पार्टी के साथ पंजाब में अलग-अलग लड़ने तथा दिल्ली में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है। हालांकि, इसका एलान नहीं हुआ है।

    जदयू और रालोद ने थामा केसरिया का पताका

    इसी बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पंजाब ही नहीं दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की बात कहकर कांग्रेस के साथ तालमेल को लेकर संशय की स्थिति पैदा कर दी है। बिहार में जदयू तो उत्तर प्रदेश में रालोद ने तो आईएनडीआईए की छतरी से निकल कर भाजपा का केसरिया पताका थाम लिया है।

    महाराष्ट्र में रजनीति हलचल तेज

    महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी में शामिल शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ कांग्रेस का समझौता ट्रैक पर है। लेकिन बिहार और उत्तर प्रदेश के बाद भाजपा ने बड़े सियासी ऑपरेशन में कांग्रेस के दिग्गज अशोक चव्हाण को जिस तरह तोड़ लिया है उसके बाद चुनाव से पूर्व महाराष्ट्र की राजनीति किस करवट मुड़ेगी, इसको लेकर हलचलें काफी तेज हैं।

    कांग्रेस के सामने गठबंधन ही नहीं अपना घर बचाने की यहां दोहरी चुनौती है। हालांकि संप्रग दौर से उसके साथ रही पार्टियों बिहार में राजद, झारखंड में झामुमो, तमिलनाडु में द्रमुक और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल में कांग्रेस को ज्यादा दिक्कत नहीं है।

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