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    Pakistan Politics: कौन होगा पाकिस्तान का अगला वजीर-ए-आजम… नाम पर लगी मुहर! 3-2 के फॉर्मूले पर हुई सत्ता की सेटिंग

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Mon, 12 Feb 2024 08:28 PM (IST)

    पाकिस्तान में लगभग तय हो गया है कि नवाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार सत्तारूढ़ होगी और इमरान खान की पार्टी-पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) विपक्ष में बैठेगी। सत्तारूढ़ गठबंधन में नवाज की पार्टी-पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के साथ बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) भी होंगी।पीपीपी का एक वर्ग अभी भी बिलावल के लिए प्रधानमंत्री पद की पैरोकारी कर रहा है।

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    पाकिस्तान में नवाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय।

    पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में लगभग तय हो गया है कि नवाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार सत्तारूढ़ होगी और इमरान खान की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) विपक्ष में बैठेगी। सत्तारूढ़ गठबंधन में नवाज की पार्टी-पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के साथ बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) भी होंगी।

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    3-2 के फॉर्मूले पर चल रही बात

    पीपीपी का एक वर्ग अभी भी बिलावल के लिए प्रधानमंत्री पद की पैरोकारी कर रहा है। इसलिए पांच वर्ष के सरकार के कार्यकाल में नेतृत्व को लेकर साझेदारी का समझौता संभव है, जिसमें शुरुआती तीन वर्ष पीएमएल एन को और बाद के दो वर्ष पीपीपी को मिल सकते हैं। इस बीच, निर्दलीय सांसदों और विधायकों का पीएमएल एन में शामिल होना जारी है।

    सरकार बनने से पहले ही शेयर बाजार लगाया गोता

     गठबंधन सरकार की स्थिरता पर शक जताते हुए सोमवार को भी पाकिस्तान के शेयर बाजार में कमजोरी देखी गई और सूचकांक ने एक हजार प्वाइंट का गोता लगाया।

    पीटीआई प्रमुख गौहर अली खान हटे पीछे

    पीटीआई प्रमुख गौहर अली खान ने देश में सरकार बनाने के दावे से पीछे हटते हुए सोमवार को कहा कि हम नवाज की पीएमएल एन और पीपीपी के साथ नहीं बैठ सकते। इसलिए हमने उनसे सरकार बनाने के संबंध में बात नहीं की। उनके साथ गठबंधन करके सरकार बनाने से अच्छा है कि हम विपक्ष में बैठें। लेकिन सभी को ध्यान रखना चाहिए कि हम बहुमत में हैं।

    मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी पीटीआईः गौहर खान

    उन्होंने कहा कि चुनाव में तमाम गड़बड़ियों के बावजूद पीटीआई के सबसे ज्यादा प्रत्याशी जीतकर नेशनल असेंबली (संसद) में आए हैं। इसलिए मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेंगे। संसद में बैठकर सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।

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    पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने मारी है बाजी

    चुनाव आयोग ने जिन 101 निर्दलियों के जीतने की घोषणा की है उनमें से ज्यादातर पीटीआई द्वारा समर्थित हैं। पीएमएल एन ने 75 सीटें, पीपीपी ने 54 और एमक्यूएम ने 17 सीटें जीती हैं, जबकि अन्य दलों ने भी 17 सीटें जीती हैं। एक सीट का परिणाम चुनाव आयोग ने रोक रखा है, जबकि एक सीट पर प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इसलिए सरकार बनाने के लिए फिलहाल 133 सांसदों का समर्थन जरूरी है।

    70 सदस्यों को किया जाता है नामित

    मालूम हो कि 336 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में 266 सदस्यों को मतदाता चुनकर भेजते हैं जबकि 70 सदस्य नामित होते हैं। इन नामित सदस्यों में 60 महिलाएं होती हैं जबकि 10 अल्पसंख्यक वर्ग के होते हैं। सरकार को नेशनल असेंबली में बहुमत साबित करने के लिए 169 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।

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