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    आठ बार खाली रहा नेता प्रतिपक्ष का पद, 10 साल बाद कांग्रेस के पास मौका; जानिए शक्तियां और अधिकार

    Leader of opposition in Lok Sabha 10 साल बाद कांग्रेस के सामने इस बार लोकसभा में अपना नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका है। नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए किसी भी दल के पास कम से कम कुल लोकसभा सदस्यों के 10 फीसदी के बराबर सीटों का होना जरूरी है। इस बार कांग्रेस के पास 99 लोकसभा सीटें हैं जो जरूरी आंकड़े से अधिक है।

    By Ajay Kumar Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 16 Jun 2024 03:16 PM (IST)
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    10 साल बाद लोकसभा में होगा नेता प्रतिपक्ष।

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। 10 साल बाद देश को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मिलेगा। 2014 से अभी तक यह पद खाली था। मगर इस बार कांग्रेस के पास पर्याप्त सीटें हैं। पिछले 10 साल कांग्रेस के सभी सांसदों की संख्या कुल लोकसभा सदस्यों के 10 प्रतिशत से कम थी। मगर यह कोई पहली बार नहीं हुआ जब नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा हो। देश में ऐसा आठ बार हो चुका है। आइए जानते हैं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष से जुड़ी कुछ अहम बातें...

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    कब-कब खाली रहा नेता प्रतिपक्ष का दल?

    पंडित जवाहर लाल नेहरू के सामने विपक्षी दलों को नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका नहीं मिला। पहली, दूसरी और तीसरी लोकसभा में यह पद खाली रहा है। चौथी लोकसभा में राम सुभाग के रूप में पहली बार देश को नेता प्रतिपक्ष मिला था।

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    यह पद पांचवीं, सातवीं, आठवीं लोकसभा में भी खाली रहा। 2014 में 16वीं और 2019 में 17वीं लोकसभा में भी विपक्षी दल नेता प्रतिपक्ष नहीं बना सके। 18वीं लोकसभा में पहली बार विपक्ष को नरेंद्र मोदी के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का मौका मिला है। कुल आठ बार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा है।

    10 साल बाद कांग्रेस के सामने बड़ा अवसर

    लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 240 सीटें मिली हैं। हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 292 लोकसभा सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली है। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई थी। मगर इस बार उसके पास नेता प्रतिपक्ष के लिए पर्याप्त सीटों का आंकड़ा है।

    मिलती हैं ये सुविधाएं

    • नेता प्रतिपक्ष का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है।
    • केंद्रीय मंत्री के बराबर वेतन, भत्ता और अन्य सुविधा मिलती है।
    • आवास और चालक समेत कार की सुविधा प्रदान की जाती है।
    • नेता प्रतिपक्ष को कर्मचारियों का स्टाफ भी मिलता है।

    नेता प्रतिपक्ष की शक्तियां

    • नेता प्रतिपक्ष लोक लेखा, सार्वजनिक उपक्रम, अनुमान जैसी महत्वपूर्ण समितियों का सदस्य होता है।
    • कई अन्य संयुक्त संसदीय समितियों का सदस्य भी होता है।
    • नेता प्रतिपक्ष को सीबीआई, एनएचआरसी, केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति करने वाली चयन समितियों का सदस्य बनाया जाता है।
    • नेता प्रतिपक्ष को संसद में सरकार की नीतियों की अलोचना करने की स्वतंत्रता होती है।

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