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    भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना नहीं होगा आसान, प्रस्तावकों की संख्या बढ़ाकर 100 करने का प्रस्ताव

    By Sanjay MishraEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sun, 26 Feb 2023 05:30 AM (IST)

    कांग्रेस पार्टी के संविधान और नियमों में संशोधन से जुड़े करीब 85 प्रस्ताव रविवार को रायपुर में पार्टी के 85वें अधिवेशन में पारित हो जाते हैं तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ना बहुत लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा। File Photo

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    भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना नहीं होगा आसान

    संजय मिश्र, रायपुर। कांग्रेस पार्टी के संविधान और नियमों में संशोधन से जुड़े करीब 85 प्रस्ताव रविवार को रायपुर में पार्टी के 85वें अधिवेशन में पारित हो जाते हैं तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ना बहुत लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा।

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    पार्टी ने अब यह प्रस्ताव किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवारी का पर्चा भरने के लिए मौजूदा 10 की जगह अब प्रदेश कांग्रेस समिति के कम से कम 100 प्रतिनिधियों की प्रस्तावक के रूप में जरूरत होगी। कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बहाली के लिए भी संशोधन प्रस्ताव लाया गया है और यह पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की प्रमुख मांगों में शामिल थी।

    पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अगंभीर उम्मीदवारों को हतोत्साहित करने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों को अपने पार्टी संविधान के अनुरूप काम करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में कुछ बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है।

    हालांकि, पार्टी से जुड़े कुछ अंदरूनी सूत्रों ने यह भी कहा कि ऊपरी तौर पर प्रस्तावकों की संख्या में यह इजाफा चुनाव की गंभीरता बनाए रखने के लिए लग रहा हो, मगर यह भी सही है कि काफी लोगों के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता कठिन हो जाएगा। निश्चित रूप से एक गैर-प्रतिष्ठित उम्मीदवार के लिए 10 के मुकाबले 100 नामांकन प्राप्त करना कठिन हो सकता है।

    संशोधनों में संसदीय बोर्ड की बहाली के साथ इसके स्वरूप में भी बदलाव का प्रस्ताव शामिल है। यह प्रस्ताव भी है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के जो सदस्य होंगे, वे संसदीय बोर्ड का हिस्सा नहीं होंगे। इस प्रस्ताव पर सत्र में चर्चा के दौरान कुछ नेताओं की ओर से सवाल उठाए जा सकते हैं।

    चंदे की कमी के साथ संसाधनों की चुनौती से जूझ रही कांग्रेस ने अब पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों को हर साल अपने एक महीने का वेतन पार्टी कोष में योगदान देने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही इनकम टैक्स देने वाले पार्टी के सदस्यों से हर वर्ष 1000 रुपये पार्टी कोष में देने को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस संविधान से जुड़े तमाम संशोधनों पर चर्चा के बाद इनमें से अधिकांश को सत्र के आखिरी दिन मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।