'मैं आपके हाथ का खिलौना नहीं', अजित पवार पर भड़के छगन भुजबल, कहा- फडणवीस मेरे पक्ष में थे
महाराष्ट्र सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार रविवार को नागपुर में हुआ। कुल 39 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। भाजपा से 19 शिवसेना से 11 और एनसीपी के नौ वि ...और पढ़ें

पीटीआई, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता छगन भुजबल की नाराजगी बढ़ती जा रही है। भुजबल महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से खफा हैं। उन्होंने मंगलवार को परोक्ष रूप से एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार पर हमला बोला। भुजबल का दावा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने के पक्ष में थे।
अपमानित महसूस कर रहा हूं: भुजबल
छगन भुजबल का 'जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना' वाला बयान भी चर्चा में है। मगर अब उन्होंने कहा कि वे बुधवार को पार्टी कार्यकर्ता और अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों से चर्चा के बाद फैसला लेंगे। छगन भुजबल की पहचान एक ओबीसी नेता के तौर पर होती है। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री नहीं बनाए जाने से निराश नहीं हूं। मगर इस व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं।
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आपके हाथों का खिलौना नहीं
छगन भुजबल ने कहा, "उन्होंने तब मेरी बात नहीं सुनी, अब वे राज्यसभा सीट दे रहे हैं। क्या मैं आपके हाथों का खिलौना हूं? क्या आपको लगता है कि जब भी आप मुझसे कहेंगे मैं खड़ा हो जाऊंगा। जब भी आप मुझसे कहेंगे मैं बैठ जाऊंगा और चुनाव लड़ूंगा? अगर मैं इस्तीफा दे दूंगा तो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग क्या महसूस करेंगे?
लोकसभा चुनाव में नहीं मिली टिकट
छगन भुजबल ने कहा कि मुझे पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आग्रह पर नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा गया था। मैंने एक महीने से अधिक समय तक तैयारी भी की। मगर आखिरी समय में मेरे नाम का एलान नहीं किया गया। इस वजह से मुझे पीछे हटना पड़ा।
राज्यसभा भी नहीं भेजा गया
भुजबल ने कहा कि बाद में राज्यसभा जाने की इच्छा व्यक्त की। मगर तब बताया गया था कि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और नितिन पाटिल के नाम पर विचार किया जा रहा है। भुजबल ने दावा किया कि तब भी मैंने पार्टी के फैसले को स्वीकार किया था। मैंने कहा था कि मेरा अनुभव राज्यसभा में काम आएगा। मगर मुझसे कहा गया कि महाराष्ट्र में मेरी जरूरत है।
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जब मैं चाहता था तब मौका नहीं मिला
छगन भुजबल ने कहा कि विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने के बाद मुझे राज्यसभा जाने को कहा गया। इसके लिए नितिन पाटिल से इस्तीफा मांगा जाएगा। जब मैं चाहता था, तब मुझे मौका नहीं दिया गया। इस चुनाव में मेरे मतदाताओं ने मेरे लिए बहुत मेहनत की। अब मैं उनसे अपना इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कैसे कह सकता हूं? भुजबल ने पार्टी नेतृत्व से कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में सबकुछ ठीक हो जाने के बाद एक या दो साल बाद राज्यसभा की पेशकश स्वीकार करने पर विचार करेंगे।
सवाल अपमान का है
जब भुजबल से पूछा गया कि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के लिए कौन जिम्मेदार है तो उन्होंने कहा कि मुझे इसका पता लगाना होगा। छगन ने आगे कहा कि सवाल मंत्री पद का नहीं है, बल्कि जिस तरह से मेरा अपमान किया गया, उसका है। मैं कल अपने कार्यकर्ताओं और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद आपको इसके बारे में और बताऊंगा।

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