EWS को जारी रहेगा 10 फीसदी आरक्षण, कांग्रेस बोली- मनमोहन सरकार में शुरू हुई थी प्रक्रिया
EWS Reservation सुप्रीम कोर्ट द्वारा EWS को 10 फीसदी आरक्षण पर दिए फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ये प्रक्रिया 2005-06 में मनमोहन सिंह की सरकार में शुरू की गई थी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने फैसले में केंद्र सरकार के प्रावधान को बरकरार रखा है। देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ की है। वहीं, कांग्रेस ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है, जिसमें संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम को बरकरार रखा गया है।'
जयराम ने कहा कि ये संशोधन 2005-06 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम है, जिसने जुलाई 2010 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद विचार-विमर्श किया गया और 2014 तक विधेयक तैयार हो गया।
बेंच ने 3-2 से सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने 3-2 के अनुपात से अपना फैसला सुनाया है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने इसका समर्थन किया, जबकि जस्टिस एस रवींद्र भट और मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने इस मुद्दे पर असहमति जताई।
इन तीन जजों ने किया समर्थन
जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि आर्थिक आधार पर दिया जाने वाला आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का किसी भी रूप में उल्लंघन नहीं करता है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण समानता संहिता का उल्लंघन नहीं करता। वहीं, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस कोटा वैध और संवैधानिक है। इसके अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला ने भी ईडब्ल्यूएस को आरक्षण का समर्थन किया।
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