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    EWS Reservation: आर्थिक आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, भाजपा बोली-मोदी के मिशन की जीत

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 02:03 PM (IST)

    देश में ews आरक्षण जारी रहेगा। 5 जजों की बेंच में से 3 जजों ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 को सही माना है। केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।

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    सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बरकरार

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। EWS Reservation : सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को बरकरार रखा है। अब देश में ईडब्ल्यूएस आरक्षण जारी रहेगा। 5 जजों की बेंच में से 3 जजों ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 को सही माना है। केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।

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    आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 5 जजों की बेंच में 3 जजों जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण के समर्थन में फैसला सुनाया। जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने EWS आरक्षण पर अपनी असहमति जताई है।

    भाजपा ने बताया मोदी के मिशन की जीत

    भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मोदी सरकार के सामाजिक न्याय मिशन की जीत बताया है। वहीं कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने इसे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के चहरों पर मुस्कुराहट लाने वाला फैसला कहा है।

     EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि संविधान को मानने वाले सभी लोग कोर्ट के इस फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं।

    सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है, मैं इस बात पर अडिग हूं: उदित राज

    कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्वीट कर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है, मैं अपनी इस टिप्पणी पर स्टैंड करता हूं। मैं EWS के आरक्षण के विरोध में नहीं हूं, लेकिन फैक्ट ये है कि 30 साल से इंदिरा साहनी के फैसले का हवाला दिया जाता रहा कि आरक्षण पर सीलिंग है और आज क्या हुआ, कहां गया इंदिरा साहनी जजमेंट। ये अपर कास्ट मानसिकता का फैसला है। मेरी पार्टी क्या कोई भी मेरी बात का विरोध कैसे कर सकता है, मैंने फैक्ट कहा है, कोई कैसे विरोध कर सकता है। मैं फैसले को चैलेंज नहीं करने जा रहा क्योंकि, उन्हीं लोगों के पास जाने का क्या फायदा?'