भारत जोड़ो यात्रा बीच में छोड़ दिग्विजय सिंह के दिल्ली लौटने के बाद हलचलें हुई तेज, क्या बन रहे समीकरण..?
दिग्विजय सिंह के भारत जोड़ो यात्रा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटने के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। अब नरजें सोनिया गांधी और अशोक गहलोत के बीच होने वाली बैठक पर हैं कि इसमें क्या निर्णय लिया जाता है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रस्तावित निर्णायक बैठक पर लगी तमाम निगाहों के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नए कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार बन गए हैं। गहलोत की उम्मीदवारी पर जारी संशय के बीच कांग्रेस के सियासी गलियारों में दिग्विजय सिंह के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की अंदरूनी हलचलें तेज हो गई हैं।
नए राजनीतिक कदमों की तैयारी...
राहुल गांधी के साथ केरल में भारत जोड़ो यात्रा में मौजूद दिग्विजय सिंह का अचानक बुधवार को दिल्ली लौटना भी कुछ उनके नए राजनीतिक कदमों की तैयारी का संकेत माना जा रहा है। पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने दैनिक जागरण से इस बात की पुष्टि कि सोनिया गांधी और अशोक गहलोत की बैठक में राजस्थान के घमासान को लेकर पैदा हुए संकट का समाधान नहीं निकला तो दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी की वैकल्पिक योजना का हिस्सा हैं।
कागजी प्रक्रिया की तैयारियां
पार्टी नेतृत्व के भरोसेमंद नेताओं में शामिल दिग्गी राजा के नामांकन के लिए कागजी प्रक्रिया की तैयारियों का काम भी शुरू हो गया है। समझा जाता है कि पवन बंसल ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण से कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का जो फार्म हासिल किया था उसका उपयोग दिग्विजय सिंह अपना पर्चा दाखिल करने के लिए कर सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने के लिए अब केवल दो दिन का ही समय रह गया है।
सबकी नजरें गहलोत और सोनिया गांधी की मुलाकात पर...
सूत्रों के अनुसार गहलोत और कांग्रेस हाईकमान के बीच राजस्थान के घमासान पर अभी गतिरोध कायम रहने की वजह से ही नेतृत्व ने दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाने का अपना वैकल्पिक प्लान बनाया है। इसलिए अब पार्टी के भीतर सबकी निगाहें गहलोत और सोनिया गांधी की मुलाकात पर लगी है जो अब गुरूवार को होने की संभावना है।
दिग्विजय के नामांकन की तस्वीर साफ
संकेतों के अनुसार गहलोत और सोनिया गांधी के बीच प्रस्तावित बातचीत के बाद दिग्विजय के नामांकन की तस्वीर साफ हो जाएगी। वैसे गहलोत को दस जनपथ से अभी तक समय नहीं मिल पाया है और इसलिए बुधवार को खबर लिखे जाने तक वे जयपुर से दिल्ली रवाना होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दावेदारी पड़ रही कमजोर
हाईकमान के इस रूख का संकेत तो यही है कि गहलोत की कांग्रेस अध्यक्ष पद की दावेदारी अब कमजोर पड़ रही है और दिग्विजय सिंह हाईकमान के वैकल्पिक उम्मीदवार बनने की राह पर हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्गी राजा वैचारिक दृष्टिकोण से भी भाजपा-आरएसएस के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं और कांग्रेस के मौजूदा शीर्ष नेतृत्व से उनका निकट सामंजस्य रहा है।
हाईकमान दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के साथ
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में ढाई साल पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के चलते सूबे में कांग्रेस की सरकार गिर गई मगर हाईकमान दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के साथ ही रहा।
राहुल गांधी से अच्छे समीकरण
सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान लंबे समय तक पार्टी महासचिव रहे दिग्विजय सिंह की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी न केवल अच्छे समीकरण रहे हैं बल्कि काफी निकटता भी है। कांग्रेस के राजनीतिक पुर्नोत्थान के लिए शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा की पूरी तैयारी और संचालन का नेतृत्व भी बतौर यात्रा की आयोजन समिति के अध्यक्ष के नाते दिग्विजय सिंह ही कर रहे हैं।
रणनीतिक चुप्पी बरकरार
भारत जोड़ो यात्रा से अचानक दिल्ली लौटे दिग्गी राजा ने अभी खुद कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए अपनी तैयारी पर रणनीतिक चुप्पी बनाए रखी है लेकिन पार्टी के सियासी गलियारों में चर्चा है कि वे सोनिया-गहलोत की मुलाकात के निष्कर्षों के बाद पर्चा दाखिल करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहले ही मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं और 30 सितंबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
यह भी पढ़ें- दिग्विजय सिंह के बड़बोलेपन के कारण ही कांग्रेस की दुर्गति, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कांग्रेस पर कड़ा प्रहार
यह भी पढ़ें- MP News: मानहानि मामले में जमानत मिलते ही दिग्विजय ने कहा, PFI और RSS एक समान