Lok Sabha Elections: कांग्रेस ने राज्य इकाईयों के साथ सीट बंटवारे की कसरत पर तेज की मंत्रणा
विपक्षी आईएनडीआईए के सहयोगी दलों की ओर से दी गई डेडलाइन के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाईयों से सीट बंटवारे के पहलुओं पर चर्चा की कसरत तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश बिहार महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 210 सीटें है जिसमें 2019 के चुनाव में भाजपा-एनडीए ने विपक्ष को लगभग रौंद दिया था और केवल बंगाल में तृणमूल ने 22 सीटें जीतकर कुछ प्रतिरोध दिखाया था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन के सहयोगी दलों की ओर से दी गई डेडलाइन के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाईयों से सीट बंटवारे के पहलुओं पर चर्चा की कसरत तेज कर दी है। इस क्रम में पार्टी नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के नेताओं को वर्तमान राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर सीटों की संख्या को लेकर लचीला रूख अपनाने की सलाह दी है। चुनावी तालमेल की चर्चाओं के गति पकड़ने को देखते हुए कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि दिसंबर के आखिर तक सीट बंटवारे की दशा-दिशा इन राज्यों में काफी हद तक तय हो जाएगी।
लोकसभा चुनाव में आईएनडीआईए गठबंधन के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का गठबंधन भाजपा के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए सबसे अहम है। इसके मद्देनजर ही आईएनडीआईए के दलों की 19 दिसंबर को हुई बैठक में खास तौर पर इन राज्यों में सीट बंटवारे को जल्द अंतिम रूप देने का कांग्रेस पर दबाव बनाया गया था। इन चारों राज्यों में लोकसभा की 210 सीटें है जिसमें 2019 के चुनाव में भाजपा-एनडीए ने विपक्ष को लगभग रौंद दिया था और केवल पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीतकर कुछ प्रतिरोध दिखाया था।
क्या सपा के साथ सीट बंटवारे पर बात करेगी कांग्रेस?
अगले चुनाव में इन राज्यों के चुनाव नतीजों की अहमियत को देखते हुए ही कांग्रेस नेतृत्व ने आईएनडीआईए बैठक के अगले ही दिन उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक कर उनसे राय-मशविरा कर लिया और संकेतों से साफ है कि अब समाजवादी पार्टी के साथ सीटों की पहचान कर तालमेल को सिरे चढ़ाने की बात आगे बढ़ाई जा रही है। अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, कानपुर से लेकर कांग्रेस ने ऐसी सीटों की सूची तैयार की जिस पर पार्टी 2024 के चुनाव के लिए अपना दावा मजबूत मान रही है।
बिहार की 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है कांग्रेस
बिहार में राजद-जदयू की ओर से चार सीटों की पेशकश की गई है, मगर कांग्रेस ने अपनी तरफ से 10 सीटों की सूची दी है और पार्टी कम से कम आठ सीटों पर लड़ना चाहती है। हालांकि नीतीश-लालू इस संख्या पर राजी होंगे इसकी गुंजाइश कम है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस को उसकी दो मौजूदा सीटों का खुला ऑफर पहले ही दे दिया है, जबकि कांग्रेस चार सीटों की उम्मीद कर रही है। महाराष्ट्र में सीट बंटवारे का मसला इतना पेचीदा नहीं है जितना उत्तर प्रदेश और बिहार में है, मगर यहां कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी के बीच बड़े भाई की भूमिका में आने के लिए रस्साकशी जरूर है।
उद्धव गुट ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ने की ठोकी दावेदारी
उद्धव ठाकरे के करीबी शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सूबे की 48 में से 23 सीटों पर पार्टी के चुनाव लड़ने की दावेदारी ठोक दी है और इसका अर्थ साफ है कि उद्धव की पार्टी राज्य के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सबसे अधिक सीट चाह रही है। वहीं, कांग्रेस का मानना है कि शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी में हुई टूट के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी खेमे की सबसे बड़ी पार्टी वही है और ऐसे में सबसे अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी उसकी बनती है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस खुद 23 से 24 सीटें चाह रही और पवार खेमे को आठ-नौ सीटें देने तो शिवसेना के लिए 15-17 सीटें छोड़ने के पक्ष में है। तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत तमाम क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस को 31 दिसंबर तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने की अनौपचारिक समयसीमा दी है।
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