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    'ममता कुछ भी कर लें CAA...', शाह ने चेतावनी देते हुए कहा- बंगाल में भी जल्द होगी भाजपा सरकार

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Thu, 14 Mar 2024 09:04 AM (IST)

    Amit Shah warned Mamata on CAA अमित शाह ने कहा कि कोई कुछ भी कर ले सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे। शाह ने इसी के साथ सीएए अधिसूचना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान पर भी पलटवार किया।

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    Amit Shah warned Mamata on CAA ममता पर बरसे शाह। (फोटो- एएनआई)

    एजेंसी, नई दिल्ली। Amit Shah warned Mamata on CAA केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर आज बड़ा बयान दिया है। शाह ने कहा कि कोई कुछ भी कर ले, सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे।

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    ममता को दी चेतावनी

    समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए अधिसूचना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान पर भी पलटवार किया। शाह ने कहा, ''वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी।

    शाह ने दिया ये संदेश

    शाह ने आगे कहा कि अगर ममता इस मुद्दे पर राजनीति करती हैं और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे के खिलाफ खड़ी होती हैं, तो ये बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि ममता तुष्टीकरण की राजनीति करके घुसपैठ की अनुमति देती हैं और सीएए का विरोध करती हैं। शाह ने कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिलेगी तो वे लोग उनके साथ नहीं रहेंगे। ममता बनर्जी को शरण लेने वाले और घुसपैठिए में अंतर नहीं पता है। 

    CAA को रद्द करना असंभव

    अमित शाह ने कहा कि सीएए मोदी सरकार द्वारा लाया गया है और इसे रद्द करना असंभव है। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर ''तुष्टीकरण की राजनीति'' करने का आरोप लगाया। शाह ने विपक्ष से सवाल करते हुए पूछा, क्या उनके पास यह अधिकार है कि वो इसे लागू करने से इनकार कर सकते हैं?

    वे यह भी समझते हैं कि उनके पास अधिकार नहीं हैं। हमारे संविधान में नागरिकता के संबंध में कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को दिया गया है। यह एक केंद्रीय विषय है, राज्य का नहीं।

    विपक्ष ने की थी आलोचना

    बता दें कि केंद्र ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया। यह विधेयक दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था।

    केंद्र द्वारा सीएए कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित करने के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन , पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कानून की आलोचना की और कहा कि वे इसे अपने राज्यों में लागू नहीं करेंगे। कांग्रेस ने सीएए के कार्यान्वयन के समय को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि नियमों को इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले जानबूझकर अधिसूचित किया गया है।